झारखंड के चुनाव में भाजपा नए तेवर और कलेवर के साथ उतरेगी। बीजेपी ने पिछला विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ा था मगर इस बार आजसू व बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातान्त्रिक) के भाजपा में शामिल होने के बाद बड़े कुनबे के साथ चुनाव मैदान में उतर रही है। इसलिए भाजपा कार्यकर्तओं में नया जोश है।
बाबूलाल मरांडी जहां भाजपा को मजबूती देंगे वहीं झामुमो के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन के पार्टी में शामिल होने से कोल्हान क्षेत्र में नए मतदाताओं के साथ विपक्षी गठबंधन को मात देने की स्थिति में आती दिख रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी कोल्हान क्षेत्र में ही खराब प्रदर्शन के कारण सरकार बनाने में विफल रही थी। झारखंड राज्य के गठन के बाद किसी भी दल को पूर्ण बहुमत अपने बल पर नहीं मिला है, लेकिन इस बार भाजपा इस मिथक को तोड़कर स्पष्ट बहुमत प्राप्त करती दिख रही है।
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झारखंड चुनाव की घोषणा आज दोपहर में होनी है। लेकिन चुनाव से पहले ही एनडीए गठबंधन इंडी से काफी आगे दिख रहा है। लोकसभा चुनाव में जहां एनडीए 52 सीटों पर बढ़त बनाने में कामयाब हुआ था, वही इंडी गठबंधन महज 29 सीटों पर ही आगे रही थी। लोकसभा चुनाव ने बाद राजनीतिक परिदृश्य में काफी परिवर्तन आया है और चम्पई सोरेन लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में शामिल हुए हैं।
इंडी गठबंधन में सीटों के बंटवारे में काफी मारामारी होने की संभावना है। हरियाणा व जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में बुरी हार हारने के बाद कांग्रेस की सीटों पर दावेदारी की ताकत काफी कम हो गई है। कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर में बुरी हार ने उसे आने वाले समय में अपने सहयागियों के समक्ष काफी कमजोर बना दिया है। वह अब अपने सहयोगियों की कृपादृष्टि पर अपनी रणनीति व सीट तय करेगी।
वहीं, झारखंड में एनडीए में सीटों के बंटवारे में कोई समस्या नजर नहीं आ रही है। भाजपा ने आजसू के साथ सम्बन्ध बनाये रखने व अपने सहयोगी दल को मजबूत करने के लिए कई बार जीती गई लोकसभा गिरिडीह की सीट आजसू को 2024 के लोकसभा चुनाव में दी थी। भाजपा ने गिरिडीह की लोकसभा की सीट 1996 से लगातार 2019 तक एक बार 2004 को छोड़कर जीती थी। गिरिडीह भाजपा के लिए न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश में मजबूत सीटों में मानी जाती थी मगर भाजपा ने इस सीट को भी आजसू को बिना किसी हिचकिचाहट के दिया।
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