हैदराबाद एक बार फिर से धार्मिक स्थान पर बर्बरता की घटना के कारण चर्चा में है। मुथ्यलम्मा मंदिर में देवी की मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने की खबर सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है। यह घटना शहर के कुरमागुडा क्षेत्र में पासपोर्ट कार्यालय के पास स्थित मुथ्यलम्मा मंदिर में हुई, जिसे लेकर क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया।
महांकाली डिवीजन के सहायक पुलिस आयुक्त के अनुसार, स्थानीय लोगों ने आरोपी को पकड़ लिया और उसे बाजार पुलिस स्टेशन के हवाले कर दिया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी व्यक्ति ने मंदिर में घुसकर मूर्ति को नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद उसे स्थानीय लोगों ने मौके पर पकड़ लिया। पुलिस दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित किया। मंदिर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
मूर्ति को क्षति पहुंचाने की इस घटना ने स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। सोमवार को मुथ्यलम्मा मंदिर के बाहर स्थानीय लोगों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और पुलिस से इस घटना के पीछे के कारणों की गहन जांच करने की अपील की है। विरोध के दौरान मंदिर के भक्तों ने मांग की कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
हैदराबाद में यह पहली घटना नहीं है जब धार्मिक प्रतीक या मूर्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई हो। कुछ दिन पहले शहर के प्रदर्शनी मैदान में आयोजित दुर्गा पूजा के पंडाल में भी देवी दुर्गा की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला सामने आया था। पुलिस जांच में पाया गया कि आरोपी मानसिक रूप से अस्थिर था और उसने यह कृत्य अनजाने में किया। इस घटना में भी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस की कार्रवाई
मुथ्यलम्मा मंदिर में हुई इस ताजा घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्यवाही की है। पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि दोषियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस यह भी सुनिश्चित कर रही है कि शहर में सांप्रदायिक सौहार्द्र बना रहे और इस घटना का गलत फायदा न उठाया जाए। इस मामले की जांच चल रही है और पुलिस द्वारा आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
इस घटना के बाद शहर में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि ऐसे धार्मिक स्थलों पर 24 घंटे निगरानी की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। पुलिस ने पंडालों और मंदिरों के आयोजकों से भी अपील की है कि वे सुरक्षा नियमों का पालन करें और किसी भी तरह की ढिलाई न बरतें।
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