गत 5 अक्तूबर को बारां (राजस्थान) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बारां नगर के स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण हुआ। इसमें 3,827 स्वयंसेवक शामिल हुए। सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने इनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक का बस्ती में सर्वत्र संपर्क हो। उसे समाज को संबल देकर बस्ती के अभावों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
समाज में सामाजिक समरसता, सामाजिक न्याय, सामाजिक आरोग्य, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन के लिए आग्रह रहना चाहिए। जीवन में छोटी-छोटी बातों को आचरण में लाने से समाज एवं राष्ट्र की उन्नति में बड़ा योगदान दिया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को अपनी सुरक्षा के लिए भाषा, जाति, प्रांत के भेद व विवाद मिटाकर संगठित होना होगा। समाज ऐसा हो जहां संगठन, सद्भावना एवं आत्मीयता का व्यवहार हो। समाज में आचरण का अनुशासन, राज्य के प्रति कर्तव्य एवं ध्येय-निष्ठ होने का गुण आवश्यक है। मैं व मेरा परिवार मात्र से समाज नहीं बनता, बल्कि हमें समाज की सर्वांगीण चिंता से अपने जीवन में भगवान को प्राप्त करना है।
उन्होंने कहा कि संघ कार्य यंत्रवत नहीं, बल्कि विचार आधारित है। संघ कार्य की तुलना नहीं हो सकती। उपमा के तौर पर सागर सागर जैसा है, गगन गगन जैसा है, वैसा ही संघ भी संघ जैसा ही है। इस अवसर पर राजस्थान क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल, चित्तौड़ प्रांत संघचालक श्री जगदीश सिंह राणा, बारां विभाग संघचालक श्री रमेश चंद मेहता और बारां जिला संघचालक वैद्य राधेश्याम गर्ग भी उपस्थित रहे।
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