इसे अच्छे दिन ही कहेंगे कि जिस कश्मीर से फारुक अब्दुल्ला की सरपरस्ती में कश्मीरी पंडितों को निकाला गया था, वहीं अब एक बार फिर से सनातन धर्म का उदय होने लगा है। वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से वहां पर लगातार हालात सुधर रहे हैं। इसका एक नजारा कश्मीर में उस वक्त दिखा, जब शोपियां जिले के नादिमर्ग गांव में स्थित प्राचीन अर्धनारीश्वर मंदिर में शनिवार को मूर्ति स्थापित की गई। वहां मंदिर में हिन्दुओं ने पूजा की।
इस मौके पर केंद्रशासित प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों से श्रद्धालु वहां पर एकत्रित हुए और भगवान अर्धनारीश्वर के दर्शन के लिए लोग उमड़ पड़े। कश्मीर में ऐसा मौका 20 वर्षों के बाद आया है, जब वहां पर शांतिपूर्ण माहौल में कश्मीरी पंडितों ने पूजा की। इसको लेकर कश्मीर के शोपियां के डीसीपी मोहम्मद शाहिद सलीम डार ने भी मंदिर का दौरा किया और दावा किया यह मौका शांति और समृद्धि के युग का प्रतीक है।
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इस मौके पर जिला और उपमंडल अधिकारियों के साथ समुदाय के लोग भी इसमें शामिल हुए। इसके साथ ही जिला कलेक्टर ने भी शोपियां में व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए समुदायिक भवन और यात्रा भवन की स्थापना की मांग समेत उनके हित संबंधी विभिन्न मुद्दों को सुना। अधिकारियों ने शोपियां के नादिमर्ग में कश्मीरी पंडितों द्वारा खाली छोड़े गए घरों का भी दौरा किया।
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गौरतलब है कि 90 के दशक शेख अब्दुल्ला के गृह मंत्री रहते हुए इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कश्मीरी पंडितों पर बर्बरता दिखाते हुए बेरहमी से उनकी हत्या कर दी थी। कश्मीरी पंडितों को रातों रात अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था।
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