सरकार के बुलावे पर वह अपने साथ अपने बेटे फारिक जाकिर को लेकर गया है। 15 दिन के इस दौरे में वह जगह—जगह मजहबी कट्टरपंथियों के दिमाग में पहले से मौजूद नफरत को और बढ़ाने की कोशिश करेगा। वह वहां 28 अक्तूबर तक रहने वाला है और इस बीच उसका एजेंडा बस यही रहेगा कि कैसे भारत को लेकर अपने दिमाग में भरा जहर ज्यादा से ज्यादा उड़ेले।
भारत का ‘वांटेड’ मजहबी उन्मादी जिन्ना के कंगाल देश में नफरत को और गहरा करने पहुंच गया है। वह वहां शाहबाज सरकार के न्योते पर गया है इसलिए हवाईअड्डे पर बड़े बड़े सरकारी अधिकारी उसे ‘वेलकम’ के लिए पहुंचे और वह भी किसी बड़े विदेशी नेता सी ठसक दिखाता हुआ हवाई जहाज से उतरा। जिन्ना के पैसे और बुद्धि से कंगाल देश की सरकार से ऐसे ही तत्व की अगवानी की उम्मीद की जा सकती है।
जाकिर जहां जाता है, विवाद ही फैलाता है। वह भारत का चिन्हित भगोड़ा अपराधी है। कल इस्लामाबाद के हवाई अड्डे पर सरकारी अधिकारियों की जिस प्रकार उसके सामने सलाम करने की होड़ लगी उससे उस देश के नीतिकारों की बुद्धि पर तरस ही खाया जा सकता है।
सरकार के बुलावे पर वह अपने साथ अपने बेटे फारिक जाकिर को लेकर गया है। 15 दिन के इस दौरे में वह जगह—जगह मजहबी कट्टरपंथियों के दिमाग में पहले से मौजूद नफरत को और बढ़ाने की कोशिश करेगा। वह वहां 28 अक्तूबर तक रहने वाला है और इस बीच उसका एजेंडा बस यही रहेगा कि कैसे भारत को लेकर अपने दिमाग में भरा जहर ज्यादा से ज्यादा उड़ेले।
हवाई अड्डे पर उस भगोड़े अपराधी की आवभागत के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के युवा कार्यक्रमों के प्रमुख राणा मसूद, सैयद अताउर्रहमान, अली मजारी (मजहबी मामलों के संसदीय सचिव) दूसरे बड़े सरकारी अधिकारियों के साथ होड़ मचाए हुए थे। जाकिर आगे कराची, लाहौर तथा इस्लामाबाद के अलावा कुछ अन्य बड़े शहरों में जनता को जिहादी पाठ पढ़ाएगा।
इतना ही नहीं, यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिन्हित जहर भरी मजहबी तकरीरें करने वाला इंसान जिन्ना के देश के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, सेनाध्यक्ष असीम मुनीर, पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज, बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती, सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह जैसी हस्तियों के साथ बैठकर चाय पिएगा। सोचिए, ऐसे देश में अगर जिहाद ही जीडीपी का आधार हो, तो इसमें आश्चर्य कैसा।
जहरीला जाकिर भारत का वांटेड अपराधी है और पिछले कई साल से मलेशिया में अड्डा जमाए बैठा है। 2017 में भारत की एजेंसी एनआईए ने जाकिर पर गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने तथा मजहबी नफरत को भड़काने के आरोप लगाए थे, तब वह मलेशिया भाग गया और वहीं राजनीतिक पनाह लेकर रह रहा है।
जिन्ना के देश का भगोड़े जाकिर की इस प्रकार अगवानी करना और उसे महत्व देना ही वह चीज है जिसे लेकर भारत ने बार बार पाकिस्तान से कोई सरोकार न रखने की बात की है। भारत दावा करता रहा है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान भारत के वांटेड अपराधियों को सिर—माथे बैठाता आया है। जाकिर के इस दौरे ने भारत के दावे को एक बार फिर सच ही साबित किया है।
टिप्पणियाँ