इजरायल के हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में उसके समर्थन में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसी क्रम में पाकिस्तान के दक्षिणी शहर कराची में कट्टरपंथियों ने पत्थरबाजी की। ये सभी अमेरिका मुर्दाबाद का नारे लगाते हुए अमेरिकी दूतावास जा रहे थे, लेकिन रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिसके बाद दोनों पक्षों में झड़प हो गई।
पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से झड़प करते हुए पत्थरों से सात अधिकारी घायल हो गए, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए इलाज के लिए एडमिट किया गया। कराची पुलिस ने इसको लेकर एक बयान जारी करते हुए कहा कि ये धार्मिक-राजनीतिक पार्टी मजलिस वहदत मुस्लिमीन के नेतृत्व में इस प्रदर्शन का आयोजन किया गया।
इसे भी पढ़ें: ‘POK खाली करे पाकिस्तान’ : अंतर्राष्ट्रीय मंच से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन की भूमिका पर साधा निशाना
पुलिस उपमहानिरीक्षक असद रजा ने कहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए के लिए पुलिस को घेराबंदी तोड़ने वालों के खिलाफ लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने आयोजकों के साथ पहले से तय की गई घेराबंदी से परे क्षेत्रों में पहुंचने की कोशिश की।
खास बात ये है कि ईरान समर्थक शिया धार्मिक राजनीतिक पार्टी मजलिस वहादतुल मुस्लिमीन की ओर से कराची वाले शहर में करीब 3000 लोगों की रैली का आयोजन किया था।
ईरान ने बुलाई थी UNSC की बैठक
हिजबुल्लाह के मुखिया हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद ईरान इतना अधिक भड़का हुआ था कि ईरान अब इस मामले को लेकर यूएनएससी चला गया। ईरान ने UNSC की आपात बैठक का आह्वान किया था। इसके साथ ही ये भी खबर सामने आ रही है कि ईरान में ही आपसी मारमारी शुरू हो गई है कि इजरायल पर कैसे पलटवार किया जाए।
इसे भी पढ़ें: हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान ने बुलाई UNSC की आपात बैठक, इजरायल बोला-हमारा काम अभी खत्म नहीं हुआ
इस बीच न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया था कि इजरायल ने 27 सितंबर को नसरल्लाह को मारने के लिए 8 लड़ाकू जहाजों को भेजा था। अपने इन्हीं फाइटर जेट्स के जरिए इजरायल ने हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 2000 पाउंड के 15 बम गिराए थे। ये बम अमेरिका में बने BLU-109 बम थे, ये बस्टर बंकर बम कहे जाते हैं। इनकी खासियत ये है कि ये टार्गेट पर बने बंकरों तक को ध्वस्त करने में सक्षम है।
टिप्पणियाँ