ऋषिकेश । रविवार को योग नगरी ऋषिकेश में सशक्त भू कानून की मांग को लेकर एक भव्य रैली का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। यह रैली पूरी तरह से गैर-राजनीतिक रही, जिसमें महिलाओं और युवाओं की बड़ी भागीदारी देखने को मिली। रैली में आए प्रतिभागियों ने राज्य में भू सुधार कानून को सशक्त बनाने के साथ-साथ अवैध जमीन खरीद और नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
आईडीपीएल मैदान से त्रिवेणी घाट तक जनसैलाब
इस जनसभा की शुरुआत आईडीपीएल हॉकी मैदान से हुई, जहां पर हजारों लोग इकठ्ठा हुए। मैदान से लगभग 12 किलोमीटर लंबी रैली त्रिवेणी घाट तक निकाली गई। रैली में भाग लेने वाले ज्यादातर लोग उत्तराखंड की पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए, विशेष रूप से महिलाओं ने पारंपरिक पहनावे के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
महिलाओं के एक समूह ने पवित्र गंगा जल हाथ में लेकर अपनी मांगों को लेकर संकल्प लिया और सरकार से इन मुद्दों पर ध्यान देने की अपील की। रैली के दौरान गढ़वाली, कुमाऊंनी, और जौनसारी संस्कृति के रंग भी साफ तौर पर देखने को मिले।
रैली की प्रमुख मांगे :
सशक्त भू कानून : रैली का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में सशक्त भू कानून को लागू कर जल, जंगल, और जमीन की रक्षा करना है।
मूल निवास प्रमाणपत्र : प्रदेश के लोगों को 1950 से मूल निवास प्रमाणपत्र देने की मांग प्रमुखता से उठाई गई।
नशे पर प्रतिबंध : राज्य में तेजी से बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर पूरी तरह से रोक लगाने की मांग की गई।
युवाओं और महिलाओं की भागीदारी
रैली में युवाओं और महिलाओं की भारी भागीदारी देखी गई। इस जनसैलाब ने स्पष्ट संदेश दिया है कि अब जनता भू कानून को लेकर गंभीर है और इसे जल्द लागू किया जाना चाहिए। रैली में शामिल समाजसेवी कुसुम जोशी ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ जमीन के अधिकारों को लेकर नहीं है, बल्कि राज्य के अस्तित्व और अस्मिता की रक्षा के लिए भी है।
सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने इस मांग पर जवाब देते हुए कहा कि सशक्त भू सुधार कानून बनाने की प्रक्रिया जारी है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भू कानून में सुधार को लेकर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भूमि के अवैध उपयोग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और भू कानून को जनभावनाओं के अनुरूप संशोधित किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर सुझावों के लिए सुभाष कुमार समिति का गठन किया है, जो भू कानून के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने पर काम कर रही है।
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