भुवनेश्वर: अविभाजित कोरापुट आदिवासी सुरक्षा मंच द्वारा पूरे मालकानगिरी जिले में अनेक पोस्टर दिखाई दिए । इन पोस्टरो में स्थानीय जनजातीय युवाओं और लड़कियों से माओवादी संगठन छोड़कर अपने गांवों और परिवारों में लौटने का आग्रह किया गया है । ये पोस्टर माओवाद से सर्वाधिक प्रभावित मालकानगिरि जिले के कालीमेला, चित्रकोंडा और मथिली ब्लॉक में देखने को मिला है ।
इन पोस्टरों में कहा गया है कि लंबे समय से, हमारे क्षेत्र के जनजातीय भाई-बहन माओवादी संगठन में शामिल होने के लिए अपने परिवारों को छोड़ रहे हैं। ऐसा करने में, उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और गैर- जनजातीय माओवादी नेताओं के हाथों उत्पीड़न का शिकार बनना पड़ता है। उन्हें जंगलों में छिपकर रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। हमारे कई लोगों ने दूसरे राज्यों में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में दुखद रूप से अपनी जान गंवा दी है। इस स्थिति के मद्देनजर, हम उन जनजातीय युवा व युवतियों से अपील करते हैं जो माओवादी संगठन में शामिल हो गए हैं कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ दें। हम उनसे प्रशासन के सामने आत्मसमर्पण करने और ओडिशा सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठायें व जिससे वे मुख्यधारा के समाज में फिर से शामिल हो सकें। उन्हें अपने घरों, गांवों और परिवारों में वापस लौटना चाहिए ताकि वे अपने प्रियजनों के बीच स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जी सकें।
इन पोस्टरों में माओवादी संगठन के भीतर जनजातीय लड़के और लड़कियों के साथ किये जा रहे दुर्व्यवहार के बारे में भी उल्लेख किया गया है । पोस्टर में कहा गया है कि साक्ष्यों से पता चलता है कि माओवादी नेता जनजातीय युवाओं को घृणा की दृष्टि से देखते हैं। उन्हें कपड़े धोने और सामान ढोने जैसे तुच्छ काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। इसके अलावा, माओवादी पदानुक्रम में उच्च पदस्थ लोग जनजातीय लड़कियों को उनके पैरों की मालिश करने जैसे अपमानजनक काम करने के लिए मजबूर करते हैं।
पोस्टर में बताया गया है खुद को आंध्र-ओडिशा सीमा क्षेत्रीय समिति का सचिव बताने वाले उदय उर्फ गणेश अपने साथियों के साथ मिलकर हाल ही में नीलेशा नामक आदिवासी लड़की, जिसे राधा के नाम से भी जाना जाता है, के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद लड़की की हत्या कर दी गई और उसके शव को जंगल में फेंक दिया गया।
पोस्टर में दावा किया गया है कि माओवादी संगठन के नेता मलकानगिरी के स्वाभिमान क्षेत्र से कई युवतियों को जबरन अगवा कर रहे हैं और उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। हम इस स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। यहां तक कि जब ये लड़कियां पार्टी छोड़कर घर लौटने की कोशिश करती हैं, तो सचिव उदय उनके लौटने में बाधा डालते हैं और उन्हें छत्तीसगढ़ में अपने साथ काम करने के लिए मजबूर करते हैं। पोस्टर में कहा गया है कि मीडिया रिपोर्ट में अक्सर यह बात सामने आती है कि जब सुरक्षाकर्मी माओवादी शिविरों को ध्वस्त करते हैं, तो उन्हें अक्सर गर्भनिरोधक गोलियां और कंडोम मिलते हैं। इससे हमारी लड़कियों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा होती है । माओवादी नेता हमारे बच्चों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। इसे देखते हुए हम माओवादी संगठन में शामिल सभी जनजातीय युवाओं से आग्रह करते हैं कि वे आत्मसमर्पण करें और समाज में फिर से शामिल हों, अपने समुदायों और परिवारों में वापस लौटें।
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