भुवनेश्वर । देश के प्रख्यात विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सम्मान में तथा राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को याद करने के लिए ओडिशा सरकार भुवनेश्वर में उनके नाम पर एक सुंदर पार्क का निर्माण करेगी। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घोषणा की कि पार्क में पंडित दीनदयाल की आदमकद प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। 25 सितंबर को राज्य की राजधानी में जयदेव भवन में आयोजित 109वें राज्य स्तरीय जयंती समारोह के दौरान उन्होंने यह घोषणा की।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारतीय संस्कृति, विचारों तथा नवीन आर्थिक अवधारणाओं के प्रसार में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक मौलिक विचारक के रूप में उपाध्याय ने देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है, फिर भी उन्हें वह सम्मान नहीं मिला जिसके वे हकदार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “आज उनके कद के विचारक को उचित सम्मान तथा गरिमा देने का समय है।”
श्री माझी ने कहा कि पंडित जी एकात्म मानव दर्शन के प्रतिपादक थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि साम्यवाद और पूंजीवाद के विपरीत पंडित दीनदयाल ने भारत की हजारों सालों की ज्ञान व संस्कृति पर आधारित एक अनूठा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपने राजनीतिक प्रयासों में एकात्म मानववाद के आधारभूत सिद्धांत अत्योदय को मार्गदर्शक मंत्र के रूप में अपनाया है। हमारा ध्यान अत्योदय को बढ़ावा देने पर रहा है। पंडित दीनदयाल का जीवन और कार्य अंत्योदय पर केंद्रित था और उनके आदर्शों से प्रेरित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के सिद्धांतों के माध्यम से समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी सरकार ने समाज के सबसे हाशिए पर पड़े लोगों के उत्थान के उद्देश्य से कार्यक्रम लागू किए हैं। हम पंडित जी के दृष्टिकोण के अनुरूप जन कल्याणकारी पहलों को आगे बढ़ा रहे हैं, जो व्यक्तिगत हितों पर सामूहिक भलाई को प्राथमिकता देता है।
मुख्यमंत्री ने आगे जोर दिया कि पंडित जी का दर्शन गरीबों के कल्याण और सभी व्यक्तियों को मुख्यधारा में शामिल करने पर केंद्रित है। इस संदर्भ में हमारी सरकार ने पिछले 100 दिनों में कई कल्याणकारी योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं।
कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल हुए कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने पंडित उपाध्याय को भारत का अद्वितीय राजनीतिज्ञ और प्रख्यात दार्शनिक बताया। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने देश में एक नया दर्शन पेश किया जो भारत के सनातन मूल्यों पर आधारित है ।
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