हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़े धन शोधन घोटाले का पर्दाफाश करते हुए चीनी नागरिकों से जुड़े क्रिप्टो खातों को फ्रीज कर दिया है। इस कार्रवाई के तहत ईडी ने एक ऑनलाइन गेमिंग ऐप FIEWIN पर शिकंजा कसते हुए 25 करोड़ रुपये की संपत्ति को फ्रीज किया है। इस घोटाले में चीनी नागरिकों के शामिल होने और भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का गंभीर आरोप है।
ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए धोखाधड़ी
ईडी की जांच में सामने आया कि इस ऐप के जरिए भारतीयों से धोखाधड़ी कर 400 करोड़ रुपये की राशि चीन भेजी गई। यह रकम चीनी नागरिकों द्वारा क्रिप्टो करेंसी के रूप में विदेशों में स्थानांतरित की गई थी। इस ऐप का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग धोखाधड़ी करना था। पहले 16 मई 2023 को कोलकाता के कोसीपोर पुलिस स्टेशन में इस ऐप के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया था।
भारतीयों की मिलीभगत से चीनी नागरिकों ने किया घोटाला
ईडी की जांच से पता चला कि चीनी नागरिक इस घोटाले को भारतीय नागरिकों की मदद से अंजाम दे रहे थे। ओडिशा के राउरकेला निवासी अरुण साहू और आलोक साहू इस ऐप के रिचार्ज एजेंट के रूप में काम कर रहे थे। ये लोग गेमर्स से प्राप्त राशि को अपने बैंक खातों में जमा करवाते और फिर उस राशि को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर चीनी नागरिकों के वॉलेट में स्थानांतरित कर देते थे। इन क्रिप्टो करेंसी को विदेशी एक्सचेंज बिनेंस के माध्यम से लॉन्ड्रिंग की जाती थी।
मनी लॉन्ड्रिंग में भारतीय इंजीनियरों की भूमिका
इस मनी लॉन्ड्रिंग में बिहार के पटना निवासी इंजीनियर चेतन प्रकाश की अहम भूमिका रही। चेतन ने भारतीय नागरिकों द्वारा जमा की गई रकम को क्रिप्टोकरेंसी (यूएसडीटी) में बदलने का काम किया। इसके अलावा, चेन्नई निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर जोसेफ स्टालिन ने भी इस घोटाले में सक्रिय भूमिका निभाई। जोसेफ ने एक चीनी नागरिक पाई पेंग्युन को स्टूडियो 21 प्राइवेट लिमिटेड का सह-निदेशक बनाने में मदद की, जिसके जरिए बड़े भुगतान किए जाते थे।
400 करोड़ रुपये का बड़ा घोटाला
ईडी की अब तक की जांच में पता चला है कि इस गेमिंग ऐप के जरिए करीब 400 करोड़ रुपये का धोखाधड़ी घोटाला हुआ। इन सभी राशि को चीनी नागरिकों द्वारा बिनेंस वॉलेट्स में जमा किया गया था, जो चीन से नियंत्रित हो रहे थे। ईडी ने इस घोटाले में संलिप्त अरुण साहू, आलोक साहू, चेतन प्रकाश और जोसेफ स्टालिन को गिरफ्तार कर लिया है।
यह घोटाला भारत के लिए एक बड़ा सुरक्षा खतरा है, क्योंकि यह ऐप लंबे समय से भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहा है। चीनी नागरिकों द्वारा भारतीय नागरिकों की मदद से देश से करोड़ों रुपये बाहर भेजने का यह मामला काफी गंभीर है और ईडी इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच कर रही है।
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