यह चिट्ठी मंदिरों को डाक से भिजवाई गई है। चिट्ठी में भेजने वाले ने यहां तक लिख दिया है कि पुलिस और मीडिया को कुछ भी बताओगे तो सिर उड़ा दिया जाएगा। और धमकी यहीं पर नहीं रुकी, आगे लिखा कि 5 लाख टका नहीं मिले तो घर पर हमला करके वहां से पैसा लूटा जाएगा, उसी तरह जैसे महबूब उल आलम हनीफ, नेता, अवामी लीग को लूटा था। तुम्हारा भी वही होगा जो हनीफ का हुआ है।
बांग्लादेश धीरे धीरे पाषाण युग की तरफ लौटता दिख रहा है, शरिया पर चलने वाले मजहबी उन्मादी मनमानी पर उतरे हुए हैं, विशेषकर हिन्द समुदाय उनके निशाने पर है। अंतरिम सरकार रूपी दिखावे के पीछे बैठे मुल्ला—मौलवी और सेना भले कितना भी कहें कि ‘यहां सब ठीक है, सबको मिलकर रहना है’, लेकिन असलियत बार बार सामने आ रही है। ताजा उदाहरण अगले कुछ दिन बाद आने वाले दुर्गा पूजा का है जो बांग्ला समाज का विशेष त्योहार है। इस बार बांग्लादेश में हिन्दू यह उत्सव मना पाएंगे कि नहीं, इसे लेकर संशय बना हुआ है।
खुलना के हिन्दू मंदिरों को लेकर जिहादी सोच के मुस्लिमों का इस संदर्भ में हिंसक प्रपंच शुरू हो चुका है। मंदिरों को एक चिट्ठी भेजकर कहा गया है कि ‘एक हफ्ते के अंदर 5 लाख टका चुका दो तभी इस साल दुर्गा पूजा कर पाओगे। प्रत्येक मंदिर से 5 लाख टका चंदे के तौर पर वसूले जाएंगे। ये पैसा देना ही पड़ेगा नहीं तो पूजा तो नहीं ही कर पाओगे, बल्कि जान से भी जाओगे।’ इसी चिट्ठी में कहा गया है कि ‘यह पैसा कहां और कैसे भेजना है यह एक हफ्ते के बाद बताया जाएगा, लेकिन तब तक पैसे का जुगाड़ करके रखो।’
दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्योहार पर हिंदू ऐसी चिट्ठी पाकर दंग हैं और भयभीत हैं कि कट्टरपंथी अब इस बहाने हिंसा का नया सिलसिला शुरू करेंगे। और ऐसा सिर्फ खुलना के कट्टरपंथी ही नहीं करेंगे, अन्य जिलों में भी इस्लामवादी मंदिरों पर दबंगई करेंगे और पूजा पंडाल नहीं लगने देंगे। कट्टरपंथियों की खुली धमकी है कि पूजा करनी है तो 5 लाख टका का चंदा चढ़ाना ही चढ़ाना है। खुलना के मंदिरों को भेजी गई इन चिट्ठियों में किसी प्रेषक का नाम नहीं लिखा गया है। लेकिन यह जरूर लिखा है कि पैसा नहीं मिला तो बुरा नतीजा भुगतना पड़ेगा।
यह चिट्ठी मंदिरों को डाक से भिजवाई गई है। चिट्ठी में भेजने वाले ने यहां तक लिख दिया है कि पुलिस और मीडिया को कुछ भी बताओगे तो सिर उड़ा दिया जाएगा। और धमकी यहीं पर नहीं रुकी, आगे लिखा कि 5 लाख टका नहीं मिले तो घर पर हमला करके वहां से पैसा लूटा जाएगा, उसी तरह जैसे महबूब उल आलम हनीफ, नेता, अवामी लीग को लूटा था। तुम्हारा भी वही होगा जो हनीफ का हुआ है।
कट्टरपंथियों की ये चिट्ठी आगे कहती है कि अपने साथ साथ दूसरे मंदिरों को भी खबर कर दो कि पैस देना है। हमें पुलिस और सेना का डर मत दिखाना क्योंकि उसका कोई लाभ नहीं होगा। 9 सितंबर 2024 को लिखी यह चिट्ठी हिंदू मंदिरों और उनसे जुड़ी पूजा समितियों के पदाधिकारियों को भेजी गई है। लेकिन कट्टरपंथियों की धमकियों के बावजूद करीब चार मंदिरों ने पुलिस को इसकी सूचना देकर शिकायत दर्ज कराई है।
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