नई दिल्ली: लेबनान और सीरिया से मंगलवार को सीरियल ब्लास्ट की घटना सामने आयी है। इस धमाके में 2000 से अधिक लोग बुरी तरह घायल हो गए और नौ लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ब्लास्ट इजरायल के द्वारा करवाए गए थे। ब्लास्ट का मुख्य निशाना हिज्बुल्लाह के सदस्य थे। गौरतलब है कि ये ब्लास्ट पेजर के फटने से हुए थे। जिसने सभी को हैरानी में डाल दिया।
ब्लास्टस के बाद से यह प्रश्न सामने आ रहे हैं क्या सच में पेजर्स में धमाके हो सकते हैं। इसे जानने के लिए पहले हमें यह जानना होगा कि आखिर पेजर है क्या? क्या इसे आसानी से हैक किया जा सकता है? आखिर कितना सुरक्षित है पेजर?
पेजर क्या है?
पेजर, जिसे बीपर भी कहा जाता है, एक वायरलेस संचार डिवाइस है । इसका उपयोग संदेश भेजने औऱ प्राप्त करने के लिए किया जाता है।1990 में जब मोबाइल फोन तक पहुंच सीमित थी पेजर का खूब प्रचलन था। यह रेडियो सिग्नल के द्वारा टेक्सट मैसेज रिसिव करता है। इसे प्रयोग करने के लिए इंटरनेट या कॉलिंग सुविधाओं की आवश्यकता नहीं होती। इसलिए इसका प्रयोग मुख्य रुप से आपातकालीन या जरुरी संदशों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह दूरदराज के क्षेत्रों में भी काम करता है जहाँ मोबाइल नेटवर्क की सुविधा नहीं होती।
पेजर के प्रकार
वन वे पेजर- इसमें केवल संदेशों को रिसीव किया जा सकता है।
टू वे पेजर- इसमें संदेशों के प्राप्त करने के साथ भेज भी सकते है।
वॉयस पेजर- उपयोगकर्ता को रिकॉर्डेड वॉइस मैसेज सुनने की सुविधा देता है।
क्या पेजर को हैक किया जा सकता है?
पेजर को हैक किया जा सकता है। विशेषज्ञों की माने तो पेजर के संदेश एन्क्रिप्टेड नहीं होते। जिससे हैकर्स रेडियो सिग्नल्स को इंटरसेप्ट करके आसानी से संदेशों से छेड़खानी कर सकते हैं। पेजर्स से संवेदनशील जानकारी लीक होने की घटनाएं भी देखी गई है। इसलिए इसे संचार का एक सुरक्षित साधन नहीं कहा जा सकता।
हालांकि लेबनान और सीरिया में हुए पेजर ब्लास्ट के संबंध में अभी तक यह बात सामने नहीं आयी है कि पेजर में ब्लास्ट किस तरह करवाया गया।
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