देवभूमि उत्तराखंड के लिए जरूरी है भूमि बंदोबस्ती: भगत सिंह कोश्यारी
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

देवभूमि उत्तराखंड के लिए जरूरी है भूमि बंदोबस्ती: भगत सिंह कोश्यारी

श्री कोश्यारी ने कहा कि आज पहाड़वासियों को ये नहीं पता कि उनके खाते की जमीन कहां-कहां बंटी हुई है, एक खेत का नंबर यहां है तो दूसरे का नंबर कहीं ऊपर दिखता है ऐसे में पहाड़ के लोगों की अपनी भूमि के प्रति संशय, भ्रम, दुविधा, परेशानियों है।

by दिनेश मानसेरा
Sep 13, 2024, 12:35 pm IST
in उत्तराखंड
Uttarakhand Bhagat Singh Koshyari
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

देहरादून: उत्तराखंड राज्य के लिए हित के लिए अक्सर उपयोगी सुझाव देने वाले पूर्व राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने एक बार फिर अपनी बेबाक राय दी है, उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार को पहाड़ों पर भूमि बंदोबस्ती पर कार्य शुरू करना चाहिए।

श्री कोश्यारी ने कहा कि आज पहाड़वासियों को ये नहीं पता कि उनके खाते की जमीन कहां-कहां बंटी हुई है, एक खेत का नंबर यहां है तो दूसरे का नंबर कहीं ऊपर दिखता है ऐसे में पहाड़ के लोगों की अपनी भूमि के प्रति संशय, भ्रम, दुविधा, परेशानियों है। जिसे सरकार को ही दूर करना है और इसे ज्यादा समय लटकाया नहीं जाना चाहिए। श्री कोश्यारी कहते हैं कि उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी अनुरोध किया है कि उत्तराखंड के मूलनिवासियों को भूमि बंदोबस्ती की बेहद जरूरत है, ये काम कठिन जरूर है, लेकिन अब तकनीक के सहारे इसे समय से पूरा कराया जा सकता है।

इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड: भारी बारिश, सड़कें बंद, केदारनाथ यात्रा प्रभावित, दस जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

जानकारी के मुताबिक, श्री कोश्यारी जब मुख्यमंत्री थे तब भी वे इस बंदोबस्ती को लागू किए जाने की बात करते थे, उस वक्त राज्य नया-नया बना था और उनके अल्प कार्यकाल बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार आ गई और तत्कालीन सीएम एनडी तिवारी ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में राज्य बनने के बाद भूमि बंदोबस्ती नहीं हुई, आजाद भारत में केवल 1960 और 1964 के बीच ही पहाड़ी जिलों में भूमि बंदोबस्ती हुई थी। तब ये जिले यूपी के अधीन थे।

उत्तराखंड में भू कानून मूल निवास को लेकर आंदोलन होते रहे हैं, इस पर श्री कोश्यारी कहते हैं वो विषय अपनी जगह है, लेकिन पहले मूल निवासियों को ये तो पता हो कि उनकी भूमि कितनी और कहां-कहां पर है? उन्होंने कहा कि इससे सरकार के पास भी ऐसा भूमि बैंक सामने आ जाएगा। जिसकी जरूरत हमेशा से महसूस की जाती रही है। दरअसल, उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद भी भूमि बंदोबस्त के मामले को हर सरकार ने बेहद जरूरी माना है, लेकिन इस पर पहल नहीं हो पाई है।

उत्तराखंड में ज्यादातर जमीन गोल खातों में कैद है। जब-जब कोई किसान अथवा स्थानीय निवासी को अपनी खतौनी से जमीन की नापजोख करवानी होती है तो राजस्व कर्मी पटवारी उनका आर्थिक शोषण करते हैं,कई बार तो इसके लिए महीनो लगा दिए जाते हैं। प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में जंगल होने के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जमीन की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती रही है। ऐसे में जमीन की असल स्थिति का पता लगाने के लिए भूमि का बंदोबस्त पहली शर्त है, हालांकि यह काम इतना बड़ा है और समय लेने वाला है कि सरकार जरूरत महसूस करते हुए भी इस पर हाथ डालने से बचती रही है।

इसे भी पढ़ें: अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने एक करोड़ से अधिक का एमडी ड्रग्स किया जब्त, दो आरोपी गिरफ्तार

जानकारी के मुताबिक, इस बंदोबस्ती कार्य को पूरा करने के लिए कम से कम तीन साल का वक्त चाहिए और यदि ये काम शुरू हुआ तो मैदानी क्षेत्रों में रहने वाले ऊपरी जिलों के स्थानीय निवासी अपनी भूमि की बंदोबस्ती के लिए पहाड़ जरूर लौटेंगे। श्री कोश्यारी के इस बयान पर राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ सामाजिक गलियारों में भी खासी चर्चा है, क्योंकि उनके बयानों को हमेशा राज्य हित में माना जाता रहा है। स्मरण रहे है कि श्री कोश्यारी, अपने राजनीतिक जीवन से सन्यास ले चुके है और वे अब सामाजिक मुद्दों पर ही अपनी बेबाक राय रखते हैं।

Topics: Uttarakhandभगत सिंह कोश्यारीBhagat Singh Koshyariउत्तराखंड भूमि बंदोबस्तीUttarakhand land settlementउत्तराखंड
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

12 साल बाद आ रही है हिमालय सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा

ECI issues notice 6 political parties of UK

उत्तराखण्ड के 6 राजनैतिक दलों को चुनाव आयोग का नोटिस, जानिए कारण

Pushkar Singh Dhami Demography

विकसित भारत @2047 : CM धामी ने पूर्व सैनिकों संग डेमोग्राफी चेंज और धर्मान्तरण पर की चर्चा

CM Dham green signal to the first batch of Kailas mansarovar pulgrims

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को टनकपुर से किया रवाना

Uttarakhand Bipin chandra rawat

देहरादून: सैन्य धाम के निर्माण कार्य का अंतिम चरण, मंत्री गणेश जोशी ने की प्रगति समीक्षा

Nainital High court lift stays from election ban

नैनीताल हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे, नजूल और वन भूमि खुर्दबुर्द मामले में सुनवाई की, अगली तारीख 14 जुलाई

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies