भारत दुनिया का एकमात्र राष्ट्र है, जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का संदेश दिया है और शांति की वकालत की है। भारत सदा से शांति का पुजारी था, है और रहेगा। आज जैसी वैश्विक परिस्थितियां हैं। रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी कि हमने अपनी सेना से कह दिया है कि वैश्विक शांति के लिए हमें यु्द्ध के लिए तैयार रहें। इस उद्देश्य से कहा था कि ताकि किसी भी सूरत में हमारी शांति भंग ना होने पाए।
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क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को लखनऊ में सेना के कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल हमास युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि सेना के अधिकारी इन घटनाओं का विश्लेषण करें और भविष्य में देश के सामने आने वाली समस्याओं का अनुमान लगाने वाली अप्रत्याशित घटनाओं से निपटने के लिए तैयार रहें।
वैश्विक अस्थिरता में भी विकास कर रहा भारत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत के विकास का दावा किया। भारत अपेक्षाकृत वैश्विक अस्थिरता के माहौल में भी शांतिपूर्ण तरीके से विकास कर रहा है। बावजूद इसके चुनौतियों को देखते हुए हमें बहुत अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि सबसे महत्वपूर्ण है कि अमृत काल के दौरान अपनी शांति को बरकरार रखने की आवश्यकता है। हालांकि, हमें अपने वर्तमान पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
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इलेक्ट्रॉनिक वॉर फेयर क्षमता के विकास पर जोर
इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कहते हैं कि आधुनिक समय में जिस तरह से नई चुनौतियां उभरकर सामने आ रही हैं, उससे निपटने के लिए इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।
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