हरिद्वार: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने प्रयागराज कुंभ 2025 के लिए आयोजित बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए है। बैठक में शाही और पेशवाई शब्दों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने का निर्णय हुआ है। परिषद का कहना है कि ये शब्द सनातन संस्कृति से मेल नहीं खाते हैं।
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परिषद ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा जय महाकाल की शाही सवारी के स्थान पर राजसी सवारी शब्द के प्रयोग करने के निर्णय का स्वागत किया गया। परिषद के अध्यक्ष श्रमहांत रविंद्रपुरी ने बताया कि इन शब्दों के स्थान पर कौन से शब्द प्रयोग में लाए जाएंगे इस बारे में निर्णय प्रयागराज में होने वाली बैठक में लिया जायेगा। उन्होंने स्वीकार किया कि शाही स्नान के स्थान पर राजसी स्नान शब्द पर सहमति बन रही है।
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उन्होंने बताया कि देश के चारों कुंभ स्थलों नासिक, उज्जैन, हरिद्वार और प्रयागराज में कुंभ मेला अधिष्ठान के लिए अखाड़ा परिषद ही अधिसूचना जारी करेगी। इसी माह प्रयागराज में होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कुंभ में शाही स्नान और पेशवाई शब्द प्रचलित है।
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कुछ लोग कुंभ को भी महा कुंभ लिखते हैं, जबकि कुंभ ही सांस्कृतिक और सनातन रूप में लिखा जाता रहा है। प्रयागराज में कुंभ 2025 का शुभारंभ 13 जनवरी को मकर संक्रांति से होने जा रहा है जिसके लिए व्यापक तैयारियां यूपी की योगी सरकार कर रही है।
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