दिल्ली शराब नीति घोटाले के मामले में बीआरएस नेता के कविता को दी गई जमानत के मामले में तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी की टिप्पणियों पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि इस तरह के बयानों से लोगों के मन में आशंकाएं पैदा हो सकती हैं।
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जस्टिस बी आर गवई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की। वरिष्ठ वकील अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा, क्या आपने अखबार पढ़ा कि उन्होंने क्या कहा? बस इतना ही पढ़िए, उन्होंने क्या कहा। एक जिम्मेदार मुख्यमंत्री को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए? क्या एक मुख्यमंत्री को इस तरह को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए।
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शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में उन्हें अदालत को क्यों घसीटना चाहिए? क्या हम राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा करके आदेश पारित करते हैं? कोर्ट ने कहा कि हम अपने विवेक और शपथ के अनुसार अपनी ड्यूटी निभाते हैं।
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क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवन्ना रेड्डी ने बीआरएस एमएलसी के कविता की जमानत के लिए भाजपा और बीआरएस के बीच कथित सौदेबाजी का आरोप लगाया था। दरअसल, संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि विधान परिषद सदस्य कविता को पांच महीने में जमानत मिलने पर संदेह है। यह सबसे बड़ा सच है कि बीआरएस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत के लिए के लिए काम किया था। चर्चा ऐसी है कि बीआरएस और भाजपा के बीच समझौते के कारण जमानत मिली।
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