याह्या सिनवार छुपने के ठिकाने बदल रहा है। इस्राएल के सैनिक उसकी बातचीत पकड़ न सकें इसलिए वह अपने गुर्गों से चिट्ठियों के जरिए संवाद करता है। डाकिए का काम उसके खास आदमी करते हैं। जिहादी सरगना अब फोन, लेपटॉप का प्रयोग करने से बचता है। एक अरबी अखबार ‘अशरक अल-अवसात’ ने अपनी रिपोर्ट में कहता है कि याह्या इस बात पर जोर दे रहा है कि युद्धविराम की एक शर्त यह होनी चाहिए कि इस्राएल उसकी जान नहीं लेगा।
खुद को फिलिस्तीन और गाजा पट्टी का सरपरस्त समझने वाला हमास का जिहादी सरगना याह्या सिनवार महिलाओं के कपड़ों में खुद को ढांपे हुए है। उसे डर है कि पहचान होते ही इस्राएल उसको कहीं का न छोड़ेगा। उधर अमेरिका याह्या का पता लगाने में हर तरीका अपना रहा है।
याह्या जैसे जिहादी सरगना के बारे में यह खुलासा किया है ब्रिटेन के दैनिक अखबार डेली एक्सप्रेस ने। हमास के मुखिया इस्माइल हानिया के ढेर होने के बाद तो याह्या ही इस्राएल के निशाने पर है। अपने मुख्य दुश्मन की खोज में इस्राएल ने गाजा पट्टी का चप्पा—चप्पा छान मारा है। लेकिन डेली एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि याह्या गाजा में जमीन के नीचे हमास के बनाए सुरंगों के संजाल से निकल भागा है।
इस आतंकी को ही इस्राएल पर 7 अक्तूबर को हुए जिहादी हमले का योजनाकार माना जाता है। शक यह भी है कि गाजा पट्टी की अभी भी जो सुरंगें खोजी जानी बाकी हैं कहीं यह जिहादी चूहों की तरह उनके अंदर न दुबका बैठा हो। संभावना यह भी है कि वह खुद को महिलाओं जैसे लिबास में ढांपे हो।
डेली एक्सप्रेस की यह रिपोर्ट कथित तौर पर इस्राएल के गुप्तचर सूत्रों के माध्यम से छापी गई है। इन गुप्तचरों की सूचना है कि याह्या गाजा पट्टी के सुरंगों के संजाल से बाहर आता रहा है, लेकिन आम महिलाओं जैसे कपड़ों में। बाहर निकलकर यह जिहादी गाजा पट्टी के आम लोगों की भीड़ से खुद को ढके रखता है। इस बाबत न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी एक रिपोर्ट दो दिन पहले छापी थी। उसमें इस अखबार ने अमेरिका तथा इस्राएल के अधिकारियों से बात करके तथ्यों के आधार पर कहा था कि याह्या सिनवार संभवत: भूमिगत सुरंगों के संजाल से होकर बाहर निकल चुका है। अक्तूबर 2023 के बाद वह कई बार छुपने के लिए इन सुरंगों का सहारा ले चुका है।
याह्या को गाजा के मजहबी जिहादी तत्व ‘गाजा का लादेन’ पुकारते हैं। ईरान में हमास के मुखिया इस्माइल हानियेह के 31 जुलाई 2024 को एक बम धमाके में मारे जाने के बाद से याह्या ही है जो हमास के सियासी सरगना की भूमिका निभा रहा है। उसे हानियेह का दायां हाथ माना जाता था। बताते हैं याह्या गाजा पट्टी में ही ठिकाने बदलता रहा है, वह हर हथकंडा अपना रहा है जिससे इस्राएल की नजर में न आए। इस्राएन हमास की फौजी इकाई के सरगना मोहम्मद दाइफ को भी ढेर कर चुका है। तो दाइफ तथा हानियेह के ठिकाने लगने के बाद इस्राएल के निशाने पर याह्या ही है।
याह्या के बारे में इसी माह इस्राएल के मीडिया चैनल ‘मारीव’ की एक रिपोर्ट आई थी। इसके अनुसार, याह्या सिनवार छुपने के ठिकाने बदल रहा है। इस्राएल के सैनिक उसकी बातचीत पकड़ न सकें इसलिए वह अपने गुर्गों से चिट्ठियों के जरिए संवाद करता है। डाकिए का काम उसके खास आदमी करते हैं। जिहादी सरगना अब फोन, लेपटॉप का प्रयोग करने से बचता है। एक अरबी अखबार ‘अशरक अल-अवसात’ ने अपनी रिपोर्ट में कहता है कि याह्या इस बात पर जोर दे रहा है कि युद्धविराम की एक शर्त यह होनी चाहिए कि इस्राएल उसकी जान नहीं लेगा।
उधर अमेरिका भी याह्या का सुराग पता करने की कोशिश में है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि इस काम में उसने आला दर्जे के खबरिए और गुप्तचर लगा रखे हैं, खूब पैसा झोंका हुआ है। जिहादी सरगना के संचार सूत्र पकड़ने के लिए एक एजेंसी के भीतर विशेष प्रकोष्ठ बनाया गया है।
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