भुवनेश्वर । रत्न भंडार के खाली बक्से व आलमिरा आदिओं के स्थानांतरण के लिए सरकारी अनुमति पहले ही दी जा चुकी है। शीघ्र ही रत्नभंडार का मरम्मत व गिनती कार्य प्रारंभ होगा । रत्नभंडार की स्थिति की जांच करने के लिए जीपीआर सर्वे किये जाने के साथ साथ अत्याधुनिक टेक्नोलाजी का भी इस्तमाल किया जाएगा। ओडिशा के विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने यह जानकारी दी।
राज्य सरकार श्रीमंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को निशुल्क महाप्रसाद देने के लिए बना रही है योजना श्री हरिचंदन ने कहा कि पुरी श्रीमंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को निशुल्क महाप्रसाद उपलब्ध कराने के लिए योजना बना रही है। श्रद्धालुओं को निशुल्क महाप्रसाद वितरण के लिए दाताओं से संपर्क चल रहा है। पुरी श्रीमंदिर में प्रतिदिन 60 से 70 हजार श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए आते हैं । विभिन्न त्योहारों व अन्य विशेष तिथियों में दो से ढाई लाख श्रद्धालु दर्शन करने श्रीमंदिर आते हैं। सभी श्रद्धालुओं को महाप्रसाद प्रदान करने के लिए आनुषंगिक व्यवस्था तैयार करने पर चिंतन चल रहा है।
ओडिशा सरकार पुरी में जगन्नाथ संस्कृति व्याख्या केंद्र स्थापित करेगी। श्री हरिचंदन ने बताया कि पुरी में श्रीजगन्नाथ संस्कृति पर आधारित एक व्याख्यान केन्द्र (इंटरप्रिटेशन सेंटर) की स्थापना की जाएगी। श्रीजगन्नाथ संस्कृति के संबंध में पूरे विश्व में जानकारी हो इसी उद्देश्य को लेकर इस इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी । जिन लोगों को पुरी के श्रीमंदिर के अंदर प्रवेश करने का अधिकार नहीं है वे इस इंटरप्रिटेशन सेंटर में जाकर महाप्रभु की संस्कृति को अनुभव कर सकेंगे । इस इंटरप्रिटेशन सेंटर में श्रीमंदिर के विभिन्न अनुष्ठानों के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी और भक्तों के बीच जगन्नाथ संस्कृति को बढ़ावा दिया जाएगा।
पुरी में 2200 करोड़ रुपये से अधिक की अधूरी परियोजनाओं के बारे में पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए, श्री हरिचंदन ने भूमि अधिग्रहण के मुद्दों को प्राथमिक बाधा बताया। उन्होंने बताया कि आवश्यक भूमि का कुछ हिस्सा भगवान जगन्नाथ के मंदिर प्रशासन का है, जबकि अन्य भाग निजी व्यक्तियों का है। दो समीक्षा करने के बाद, परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक स्पष्ट योजना तैयार की गई है। परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी, ओडिशा ब्रिज कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (ओबीसीसी) को निर्णय के बारे में सूचित कर दिया गया है। भूमि अधिग्रहण की चुनौतियों का समाधान करने के लिए, पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए प्रभावित व्यक्तियों के साथ चर्चा की जाएगी।
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