नई दिल्ली, (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से एक समान नागरिक संहिता पर जोर देते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं ने इसका सपना देखा था और हमें इसे पूरा करना होगा। देश को सांप्रदायिक सिविल कोड के स्थान पर धर्मनिरपेक्ष सिविल कोड की ओर जाना होगा।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने देशवासियों को जाति और धर्म से ऊपर उठकर देश के लिए काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता देश में चर्चा का विषय है। सुप्रीम कोर्ट भी अगल-अलग नागरिक संहिता पर चिंता व्यक्त कर चुका है। ऐसे में देश को सांप्रदायिक सिविल कोड के स्थान पर धर्मनिरपेक्ष सिविल कोड की ओर जाना होगा। देश को इसपर व्यापक चर्चा करनी होगी। धर्म के आधार पर देश को बांटने वाले कानूनों का देश में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
बदनीयत वालों को नेक नीयत से जीतेंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में भीतर और बाहर की चुनौतियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कुछ निराशावादी तत्व के बीच बैठी विकृति विनाश के सपने देख रही है। देश को इन्हें समझना होगा। साथ ही विश्व की शक्तियों को भी समझना होगा कि भारत का विकास किसी के लिए संकट नहीं है। यह शक्तियां संकट पैदा करने वाली तरकीबों से न जुड़े ताकि भारत को आगे निकलने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़े। हम बदनीयत वालों को नेक नीयत से जीतेंगे।
अगले पांच वर्षों में मेडिकल की 75 हजार सीटें सृजित की जायेंगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश के युवा को विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई न करनी पड़े इसके लिए अगले पांच वर्षों में भारत के मेडिकल कॉलेजों में 75,000 नई सीटें सृजित की जाएंगी। भारतीय युवा के कौशल विकास पर भारत सरकार विशेष ध्यान दे रही है। उन्हें आश्चर्य होता कि भारतीय युवा मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए कैसे-कैसे देशों में जाते हैं। भारत सरकार चाहती है कि युवाओं को भारत में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।
महिलाओं के साथ अत्याचार पर चिंता जताई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लालकिले की प्रचीर से महिलाओं के साथ अत्याचार की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और कहा कि ऐसे पाप करने वालों में डर पैदा करना बेहद जरूरी है। इसके लिए आपराधियों को मिलने वाली कठोर सजाओं को भी व्यापक कवरेज देनी चाहिए।
भारत माता के सपूतों को स्मरण करने का दिन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज वो शुभ घड़ी है जब हम देश के लिए मर मिटने वाले अपना जीवन समर्पित करने वाले, आजीवन संघर्ष करने वाले, फांसी के तख्त पर चढ़कर भारत माता की जय के नारे लगाने वाले, अनगिनत भारत माता के सपूतों को स्मरण करने का दिन है। आजादी के दिवानों ने आज हमें आजादी के इस पर्व में स्वतंत्रता में सांस लेने का मौका दिया। ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धा भाव व्यक्त करते हैं।
‘माईबाप’ संस्कृति बदली
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र प्रथम की अपनी प्रतिबद्धता को आगे रखते हुए पिछले 10 वर्षों में उनकी सरकार की नीति और उससे प्राप्त उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने प्राथमिक आवश्यकताओं के लिए काम किया जिसका लाभ आज वंचित समाज ले रहा है। उनकी सरकार ने राजनीतिक लाभ न देखते हुए भविष्य से जुड़े रिफॉर्म किये। इन्हीं का परिणाम है कि आज ‘माईबाप’ संस्कृति बदली है और सरकार खुद लाभार्थी तक पहुंच रही है। प्रधानमंत्री ने उनकी सरकार के विजन को आगे रखा और देशवासियों को जाति, धर्म के दायरों से ऊपर उठकर देश की प्रगति में योगदान देने की अपील की। उन्होंने समान नागरिक संहिता की बात की, महिलाओं पर हो रही आत्याचार की घटनाओं और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के हालात पर चिंता व्यक्त की। देश के भीतर और बाहर से प्रगति में बाधक बन रही शक्तियों के प्रति देशवासियों का आगाह किया।
बदलाव के लिए रिफार्म का मार्ग
प्रधानमंत्री ने तीसरी बार उनकी सरकार को चुनने के लिए जनता का धन्यवाद दिया और कहा कि वे समाज की शक्ति को लेकर विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत-2047 सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं। इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है, देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं। हमने बड़े रिफॉर्म्स जमीन पर उतारे हैं। गरीब हो, मध्यम वर्ग हो, वंचित हो, हमारे नौजवानों के संकल्प और सपने हों या हमारी बढ़ती हुई शहरी आबादी हो, इन सभी के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमने रिफॉर्म का मार्ग चुना। वे आज कह सकते हैं कि रिफार्म का हमारा मार्ग आज ग्रोथ का ब्लूप्रिंट बना हुआ है।
हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा
प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया। इसके बाद राष्ट्रीय ध्वज गार्ड्स द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई। वायुसेना के दो एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर्स ने कार्यक्रम स्थल पर पुष्पवर्षा की गई। उन्होंने कहा कि आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए और राष्ट्र निर्माण के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। चाहे वह हमारा किसान हो, हमारा जवान हो या हमारे नौजवानों का हौसला हो, हमारी माताओं बहनों का योगदान हो। शोषित पीड़ित, वंचित हो। स्वतंत्रता के प्रति उसकी निष्ठा, लोकतंत्र के प्रति उसकी श्रद्धा। ये पूरी दुनिया के लिए प्रेरक घटना है। मैं ऐसे सभी को नमन करता हूं।
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