केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की निरंकुश शर्तों पर कटौती करते हुए 2 अगस्त 2024 को कैबिनेट ने अधिनियम में कुल 40 संशोधन करने को मंजूरी दे दी। विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक को ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी के पास भेज दिया था। एक रिपोर्ट कुल ऐसी 45 घटनाएं हैं, जिनमें वक्फ बोर्ड ने रातों-रात कब्जा लिया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, वक्फ बोर्ड ने 1 होटल, 12 मंदिरों, 18 कृषि/आवासीय जमीन, रेलवे की तीन जमीनों, 9 आवासीय इमारतों और 2 धरोहरों को हड़प लिया है। देश के तकरीबन प्रत्येक राज्य में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के साथ एक सेंट्रल वक्फ बोर्ड और 32 बोर्ड हैं। देश में वक्फ बोर्ड का हाल ये है कि उसके पास इंडियन आर्मी और रेलवे के बाद सबसे अधिक जमीनें हैं। वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सभी वक्फ बोर्डों के पास आज कुल मिलाकर 8 लाख 54 हजार 509 संपत्तियां हैं, जो कि 8 लाख से अधिक एकड़ से अधिक जमीन पर फैली है।
इसी साल हैदराबाद स्थित वक्फ बोर्ड ने 5 स्टार मैरिएट होटल को अपनी संपत्ति करार दिया था। मामले में वक्फ बोर्ड ने 27 अप्रैल 2024 को हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसी तरह से पिछले माह जुलाई को मुक्ता देवी मंदिर को मनमाने तरीके से वक्फ संपत्ति वाला सांकेतिक बोर्ड लगा दिया। इसी तरह से अलीगढ़ स्थित मशहूर मीठा बाबा मठ को फर्जी दस्तावेजों को कब्जा लिया। महाराष्ट्र के कोल्हापुर के वडानागे गांव में वक्फ बोर्ड ने महादेव मंदिर के आसपास की जमीन पर कब्जे के विरोध में हिन्दुओं ने प्रदर्शन किया।
इसी तरह से जौनपुर, वाराणसी, मथुरा, लखनऊ, बेंगलुरू, बेट द्वारका, उडुपी, अयोध्या, डूंगरपुर, वेल्लोर एर्नाकुलम, जालंधर, रानी पेट समेत देशभर के स्थानों पर जमीनों को कब्जा लिया।
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के समर्थन में आए 15 मुस्लिम धर्मगुरू
गौरतलब है कि देशभर में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के समर्थन में कई मुस्लिम मौलाना आ गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम लाए जाने के बाद विपक्षी पार्टियों समेत कई नेताओं ने केंद्र सरकार का विरोध किया था। लेकिन, इस बीच कई इस्लामिक मौलाना इसके समर्थन में आ गए हैं। इसमें ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास, ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के मुखिया इमाम उमर अहमद इलियासी, रहमान खान, भाजपा नेता मोहसिन रजा, मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी, शहजाद पूनावाला, नाजिया इलाही खान,वजाहत कासमी, मुख्तार अब्बास नकवी, दानिश आजाद अंसारी, सईद नसरुद्दीन चिश्ती, गुलाम नाजमी फारुकी, फरीद अहमद निजामी, दानिश इकबाल और संवर पटेल जैसे लोगों ने वक्फ बोर्ड बिल का समर्थन किया है।
कब हुआ था वक्फ बोर्ड का गठन
उल्लेखनीय है कि आजादी के बाद 1954 वक्फ की संपत्ति और उसके रखरखाव के लिए वक्फ एक्ट 1954 लाया गया। इसी के बाद वर्ष 1995 में इसमें बदलाव हुआ था।
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