‘मॉब लिचिंग’ को दो चश्मों से देखने वाली सेकुलर पार्टियों का काला सच एक बार फिर से सामने आया है। उत्तर प्रदेश के बरेली में 50 से अधिक उन्मादी कट्टरपंथी मुसलमानों की भीड़ तेजराम को उसके घर के सामने से घसीट कर अपने ठिकाने पर ले गई, फिर वहां पीट-पीट कर उसे मार डाला। तेजाराम हिंदू था, इसलिए विपक्ष की जुबान पर ताला जड़ा है। इस मामले में प्रशासन सख्ती से काम कर रहा है। उस हिंसा में शामिल 43 हमलावरों को जेल भेजा जा चुका है, जबकि अन्य आरोपियों की खोज में छापेमारी जारी है। साथ ही, हमलावरों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर भी चलाए जा रहे हैं। गिरफ्तार हमलावरों में एक बख्तावर फकीर प्रांतीय रक्षा दल का जवान है, जो अपनी कौम के साथियों से साठगांठ कर क्षेत्र में कट्टरपंथी माहौल बनाता था।
गत 17 जुलाई को मुहर्रम पर बरेली के शाही थानाक्षेत्र के गौसगंज गांव में मॉब लिंचिंग की इस घटना को अंजाम दिया गया।
इसमें पीड़ित पक्ष की शिकायत पर पुलिस ने 50 नामजद सहित कई अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है। वहीं साम्प्रदायिक हिंसा में भी दर्जनों हमलावरों पर अलग से प्राथमिकी दर्ज की गई है। हमले के मास्टरमाइंड बख्तावर के संरक्षणकर्त्ता पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की जा रही है। बख्तावर, इशारत, मुकीम, यासीन, यूसुफ, इश्तियाक और अशफाक सहित कई आरोपियों के घर ढहाए जा चुके हैं, जो ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा कर अवैध तरीके से बनाए गए थे। इस मामले में अन्य आरोपियों के अवैध घरों को भी ध्वस्त किया जाएगा।
जिहादियों की भीड़ पूर्व प्रधान के बेटे तेजाराम को घर के सामने से खींच ले गई और उसे बेरहमी से पीटा। जब लगा कि तेजाराम मर गया है, तब उसे छोड़ दिया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों को पहचान कर रही है। बरेली दक्षिण के पुलिस अधीक्षक मानुष पारीक ने बताया कि इस हत्याकांड और हिंसा में शामिल कोई भी दोषी कार्रवाई से बच नहीं सकेगा। आरोपियों की धर-पकड़ जारी है। हमलावरों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।
मृतक तेजाराम के परिवार का कहना है कि अपने स्वार्थ के लिए मुस्लिम मोह से ग्रस्त सपा, कांग्रेस, बसपा जैसी पार्टियों ने उनके बेटे की मौत पर एक शब्द तक नहीं कहा, घर आना तो दूर की बात है। वहीं, बरेली से भाजपा सांसद छत्रपाल गंगवार, विधायक डॉ. डीसी वर्मा न केवल गांव पहुंचे, बल्कि पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया। भाजपा, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल के पदाधिकारी लगातार परिवार के संपर्क में हैं।
गौसगंज हिंदू बहुल गांव है। हालांकि गांव में मुसलमान लगभग 25 प्रतिशत ही हैं, लेकिन उन्होंने हिंदुओं का जीना मुहाल कर रखा है। ये कट्टरपंथी आए दिन गांव में उत्पात मचाते हैं। तेजाराम के अनुसार, 17 जुलाई, 2024 की रात मुसलमानों ने गांव में मुहर्रम का जुलूस निकाला और मंदिर के सामने जबरन ढोल बजाने लगे। हिंदुओं ने विरोध किया तो वे उग्र हो गए। देखते-देखते हर घर से मुस्लिम लोग आ गए और हिंदुओं पर हमला बोल दिया।
उन्होंने हिंदू महिलाओं से छेड़छाड़ भी की। जिसने भी विरोध किया, कट्टरपंथियों ने पीट-पीटकर उसे अधमरा कर दिया। इसके बाद जिहादियों की भीड़ पूर्व प्रधान के बेटे तेजाराम को घर के सामने से खींच ले गई और उसे बेरहमी से पीटा। जब लगा कि तेजाराम मर गया है, तब उसे छोड़ दिया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों को पहचान कर रही है। बरेली दक्षिण के पुलिस अधीक्षक मानुष पारीक ने बताया कि इस हत्याकांड और हिंसा में शामिल कोई भी दोषी कार्रवाई से बच नहीं सकेगा। आरोपियों की धर-पकड़ जारी है। हमलावरों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।
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