रोहिंग्या मुस्लिमों की घुसपैठ देश में बड़ी समस्या बन गई है। रोहिंग्या लगातार बांग्लादेश सीमा के जरिये भारत में प्रवेश कर रहे हैं। वे कई राज्यों में जाकर बस रहे हैं। ये बात असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कही है। उन्होंने कहा है कि असम भारत-बांग्लादेश सीमा के एक हिस्से की रक्षा कर रहा है, लेकिन फिर भी देश का एक बड़ा क्षेत्र अभी भी असुरक्षित है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए बंगाल की सीमा एक कमजोर कड़ी है। उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार से ध्यान देने की मांग की है। सीएम ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और झारखंड के मुख्यमंत्री रोहिंग्या मुस्लिमों की घुसपैठ के प्रति नरम बने हुए हैं।
ममता बनर्जी बांग्लादेशियों को शरण देने की कही थी बात
गौरतलब है कि आरक्षण विरोधी आंदोलन को लेकर पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हो रहे रक्तपात, अशांति और अराजकता के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कोलकाता में आयोजित तृणमूल कांग्रेस के शहीद दिवस की सभा के मंच से बांग्लादेशियों की सहायता करने और उन्हें शरण देने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने साफ ने कहा कि अगर असहाय लोग बंगाल का दरवाजा खटखटाएंगे तो मैं मदद करूंगी। ममता बनर्जी ने कहा कि अगर आपका परिवार बांग्लादेश में है, कोई पढ़ाई करने गया है, कोई चिकित्सा कराने आकार वापस नहीं जा पा रहा हो, अगर किसी प्रकार के मदद की जरूरत होगी तो हम करेंगे।
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हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि बांग्लादेश को लेकर वह आधिकारिक बयान नहीं दे सकतीं। बनर्जी ने कहा हालांकि, मैं बांग्लादेश के बारे में बात नहीं कर सकती क्योंकि वह एक अलग देश है। इस बारे में जो बोलना है भारत सरकार बोलेगी। लेकिन मैं इतना कह सकती हूं कि अगर असहाय लोग बंगाल का दरवाजा खटखटाएंगे तो हम उन्हें आश्रय जरूर देंगे। क्योंकि संयुक्त राष्ट्र का एक प्रस्ताव है। अगर कोई शरणार्थी बनता है तो आसपास का इलाका उसका सम्मान करेगा।
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