देहरादून। विश्व बाघ दिवस के अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डा समीर सिन्हा ने बताया कि राज्य में बाघों की सुरक्षा के लिए स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वन्यजीव सलाहकार बोर्ड की बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस बारे दिशा निर्देश दिए थे।
समीर सिन्हा ने बताया कि उत्तराखंड के बाघों की सुरक्षा संरक्षण के मामले में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए दिशा निर्देश के बाद वन विभाग द्वारा 84 पद स्वीकृत किए गए हैं, जिनमे 3 प्रतिनियुक्ति पर होंगे, शेष 81 की भर्ती की जाएगी। इस संबंध में प्रस्ताव, वन विभाग से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में 22 महिलाएं एवं 4 पूर्व सैनिकों की भी भर्ती की जाएगी। साथ ही आरक्षण के अन्य मानकों का भी अनुपालन किया जायेगा। इन सभी को विशेष प्रशिक्षण देने के साथ नवीनतम उपकरणों से भी सज्जित किया जायेगा। 40 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद इन टाइगर गार्ड्स को विभाग में उसी वरीयता के साथ वन रक्षक के रूप में समायोजित किया जायेगा, जिससे इनके विशेष अनुभव का उपयोग अन्य स्थानों पर भी वन सुरक्षा को सुदृढ़ करने में हो सके।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा एसटीपीएफ को लेकर बार-बार उत्तराखंड सरकार को निर्देशित किया जाता रहा है। राज्य में 560 से अधिक बाघ हैं, जोकि घनत्व की दृष्टि से देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा हैं। देश के कई राज्यों में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स बनाई जा चुकी है जोकि बाघों की सुरक्षा के साथ-साथ मानव वन्यजीव संघर्ष को भी रोकने का कार्य करती है।
सीएम धामी ने कुछ माह पहले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा के लिए वहां के सुरक्षाकर्मियों के साथ गश्त भी की थी और राज्य में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स की तैनाती किए जाने की बात कही थी।
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