रतलाम, (हि.स.)। मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के डीडी नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लाखिया में एक खेत में रविवार को 200 से ज्यादा वनवासी जुटे। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का आरोप है कि यहां पर बीमारी ठीक करने के नाम पर वनवासियों का कन्वर्जन किया जा रहा था। प्रार्थना सभा के नाम पर यह सब हुआ हुआ। पुलिस ने प्रार्थना करा रहे एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। मौके से ईसाई मत से जुड़ा साहित्य भी जब्त किया गया है।
विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री गौरव शर्मा ने बताया कि लाखिया गांव आमलीपाड़ा ग्राम पंचायत में आता है। गांव में खेत में कथित रूप से चर्च बना रखा है। रविवार को सूचना मिली थी कि यहां कन्वर्जन हो रहा है। सूचना पर वहां जाकर देखा तो 200 से 300 वनवासी महिला और पुरुष प्रार्थना सभा में बैठे थे। उन्होंने कहा कि सेवा और उपचार के नाम पर कन्वर्जन किया जा रहा है।
शर्मा ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर खेत के अंदर यह चर्च कैसे संचालित हो रहा है, इसकी अनुमति कैसे मिली? अलग-अलग गांव से लोगों को बुलाकर प्रार्थना सभा के नाम पर धर्मातंरित किया जा रहा है।
गांव आमलीपाड़ा मुख्य रोड से लगा है। गांव की सड़क किनारे दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग भी है। रेल पटरियों को पार कर खेत में सीमेंट की पक्की सड़क से बीच में से होकर खेत में यह भवन बना हुआ है। हिंदू संगठनों का आरोप है कि काफी समय से यहां पर वनवासी समाज के लोग आते हैं और प्रार्थना सभा में हिस्सा लेते हैं।
वहीं, वनवासियों का कहना है कि वे प्रभु ईशु मसीह की प्रार्थना करने आते हैं। प्रार्थना करने से हमारी बीमारी ठीक होती है। आज भी हम प्रार्थना कर रहे थे। रुपा बाई नामक एक वनवासी महिला ने कहा कि हमारे पूर्वज ईशु का धर्म मानते थे। पेट में दर्द होता है, यहां आने पर सुधर गया। वहीं हल्दूपाड़ा से आईं थावरी ने बताया कि काफी समय से बीमार थी। उठ-बैठ नहीं सकती थी। यहां आराधना करने से ठीक हूं।
पुलिस को मौके से अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार प्रोटेक्शन काउंसिल दिल्ली का एक अपॉइंटमेंट सर्टिफिकेट भी मिला है। इस पर प्रभु मचार का नाम लिखा है। इसी व्यक्ति का इस संस्था के नाम का एक आईडेंटी कार्ड भी है। यही व्यक्ति लोगों को प्रार्थना करा रहा था। पुलिस इस व्यक्ति को पकड़कर थाने लेकर आई है।
डीडी नगर थाना प्रभारी रवि दंडोतिया ने बताया कि जो भी तथ्य सामने आते हैं, नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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