मुंबई, (हि.स.)। बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पांच आरोपितों को डिफ़ॉल्ट जमानत देने से इनकार कर दिया है। यह फैसला बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एएस गडकरी और जज श्याम चांडक की खंडपीठ ने सुनाया है।
इस मामले के आरोपित सुरेंद्र गडलिंग, महेश राउत, रोना विल्सन, सुधीर धवले और शोमा सेन ने विशेष कोर्ट में डिफाल्ट जमानत देने के लिए याचिका दाखिल की थी। विशेष कोर्ट ने 2022 में इन सभी को डिफ़ॉल्ट जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसलिए इन आरोपितों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में विशेष कोर्ट के निर्णय को चुनौती दी थी, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इन पांचों आरोपितों को जून, 2018 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने बीते 21 जून को भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपित महेश राउत को अपनी दादी की मृत्यु के बाद धार्मिक क्रिया-कर्म में शामिल होने के लिए 26 जून से 10 जुलाई तक अंतरिम जमानत दी थी।
दरअसल, 31 दिसंबर, 2017 को पुणे के शनिवारवाड़ा में कबीर कला मंच के कार्यकर्ताओं ने एल्गार परिषद का आयोजन किया था। आरोप है कि इस कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देकर लोगों को उकसाया गया था, जिससे एक जनवरी, 2018 को भीमा कोरेगांव में जातीय हिंसा हुई थी। इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे।
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