उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले होटल, ढाबों एवं दुकानों पर उसके मालिकों के नाम लिखने के आदेश का योगगुरु स्वामी रामदेव ने समर्थन किया है। स्वामी रामदेव ने कहा कि जब स्वामी रामदेव को अपना नाम छुपाने की कोई जरूरत नहीं है, अपना परिचय देने में कोई दिक्कत नहीं है तो फिर रहमान को अपना परिचय बताने में क्यों दिक्कत है। अपने नाम पर तो सबको गौरव होता है।
स्वामी रामदेव ने कहा कि अपने कार्यों को शुद्धता और प्रमाणिकता से करने की आवश्यकता है। कार्यों में अगर शुद्धता और प्रमाणिकता है तो हमारा नाम चाहे हिंदू है चाहे मुसलमान है, चाहे हम किसी वर्ग के हैं हम सब भारतीय हैं, हम सबको भारतीय होने पर और हमें अपने नाम, धर्म और जाति पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के कांवड़ यात्रा मार्ग में दुकान और ढाबों के मालिकों की नेम प्लेट लगाने के निर्णय का स्वागत किया।
कांवड़ मेले को लेकर उन्होंने कहा कि कांवड़ के यात्री शिवत्व धारण कर ऐसा आचरण करें कि सबको लगे कि यह कांवड़ियां नहीं अपितु साक्षात शिव-पार्वती का साक्षात विग्रह जा रहा है। दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने को लेकर विवाद पर उन्होंने कहा कि जो हमारे देव स्थान या बड़े तीर्थ हैं, उनका कोई विकल्प नहीं हो सकता। जो भगवान के द्वारा बनाए गए धाम हैं, उन्हें कोई इन्सान नहीं बना सकता। धामी सरकार ने जो चारों धामों को पेटेंट करने का निर्णय लिया है, वह प्रशंसनीय है।
टिप्पणियाँ