बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर हो रही हिंसा के कारण वहां पर अब तक 105 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। हालात इतने अधिक खराब हो गए हैं कि देशभर में सरकार ने कर्फ्यू लगा दिया है। हर जगह सेना को तैनात कर दिया गया है। बावजूद इसके वहां पर प्रदर्शनकारी लगातार हिंसा कर रहे हैं।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहां पर घातक झड़पें हो रही हैं। शुक्रवार को मध्य बांग्लादेश के नरसिंगड़ी जिले में दंगाइयों जेल पर हमला करके वहां पर आग लगा दिया और वहां से सैकड़ों कैदियों को मुक्त करा लिया था। वहां दंगों के हालात को देखते हुए 245 से भारतीय छात्रों और 13 नेपाली छात्रों समेत 258 लोग पश्चिम बंगाल की सीमा से भारत लौट आए हैं। इससे पहले गुरुवार को मेघालय में बांग्लादेश से लगती दावकी चेकपोस्ट से 202 भारतीय लोग बांग्लादेश से भारत लौटे थे। इसके अलावा इसी चेकपोस्ट से 101 नेपाली और 7 भूटानी नागरिकों ने भी भारत में प्रवेश किया था।
बीएसएफ और बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड इसको लेकर लगातार काम कर रहे हैं। इस बीच शुक्रवार से कोलकाता और ढाका के बीच चलने वाली मैत्रेयी ट्रेन को हिंसा के कारण रद्द कर दिया गया। इसी के साथ भारत आने वाले लोगों की संख्या 500 हो गई है।
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बांग्लादेश में रहते हैं 15,000 भारतीय
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में रहने वाले भारतीयों की कुल संख्या 15,000 भारतीय लोग रह रहे हैं। इनमें से 8500 छात्र हैं, जो वहां पर स्टडी के लिए गए हुए हैं। जिस तरीके से वहां पर हिंसा लगातार बढ़ रही है, इसको देखते हुए कुछ भारतीय छात्र अब घर वापसी करने लगे हैं। हालात ये हैं कि वहां देशभर में मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी को ठप कर दिया गया है। सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया है। वहां की मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी इस प्रदर्शन का समर्थन कर रही है।
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