छत्तीसगढ़ का सांस्कृतिक इतिहास अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है। यह क्षेत्र भगवान राम की माता कौशल्या का मायका, कौशल प्रदेश, के रूप में प्रसिद्ध है। यह भगवान श्रीराम का ननिहाल है। भगवान राम ने वनवास के दौरान इस क्षेत्र का मार्ग चुना था।
प्रख्यात इतिहासकार रमेंद्र मिश्र के अनुसार, देश का पहला हिंदी गजेटियर ‘बस्तर भूषण’ पंडित केदारनाथ ठाकुर द्वारा रचित है। यह बस्तर के इतिहास और समाजशास्त्र का पहला प्रमाणिक दस्तावेज है, जिसमें रामवनगमन पथ का उल्लेख मिलता है।
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