राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बुधवार (17 जुलाई 2024) को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक वीडियो साझा कर उसके तथ्यों की जांच करने को कहा। इस वीडियो में एक मौलाना सार्वजनिक रूप से प्रशासन को चुनौती देते हुए नजर आ रहा है। इस पर सख्ती दिखाते हुए एनसीपीसीआर के अध्यक्ष ने कहा कि वीडियो में नफरती बयानबाजी करते हुए दिखाई दे रहा मौलाना सांसद भी रह चुका है, इसलिए इस वीडियो की और इसके तथ्यों की जांच भी होना चाहिए।
कानूनगो ने एक्स पर लिखा, “ये वीडियो इस्लामिक संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी का बताया जा रहा है। ये मौलाना और इनका संगठन जमीयत दोनों ही मदरसा दारुल उलूम देवबंद ने तैयार किए हैं। इस वीडियो के अनुसार तकरीर में मौलाना ने कहा है कि भारत इनका मुल्क है और इनका देश में रहने का ढंग मजहबी है। उससे किसी को तकलीफ पहुंचे तो वो भारत छोड़कर बाहर चला जाए।”
उन्होंने आगे लिखा है कि यह बात असहिष्णु और असंवैधानिक है। मदरसों में औरंगजेब के जमाने का बनाया सिलेबस पढ़ाया जाता है। गजवा-ए-हिन्द के समर्थन में फतवा दिया जाता है ऐसे में फिरका परस्त लोगों के तैयार हो कर देश में नफरत फैलाने की संभावना बनी रहती है। वैसे बताया जा रहा है कि ये मौलाना सांसद भी रहे हैं, इसलिए इस वीडियो की और इसके तथ्यों की जांच भी होना चाहिए।
इस वीडियो में आप सुन सकते हैं कि मौलाना धमकाने वाले अंदाज कह रहा है, ”ये मुल्क हमारा है। अच्छी तरह समझ लिजिए ये मुल्क हमारा है। इस मुल्क के लिए हमारी जो जिम्मेदारी है उसे हम अच्छी तरह निभाएंगे इंशाल्लाह। कोई समझौता नहीं होगा। हमारा मजहब जरूर अलग है। हमारा लिबास अलग है। हमारी तहजीब भी अलग है। हमारे खाने-पीने का तरीका भी अलग है। अगर तुमको हमारा मजहब बर्दाश्त नहीं है तो तुम कहीं और चले जाओ।”
इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोग सार्वजनिक रूप से प्रशासन को चुनौती देने वाले की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। एक्स पर एक यूजर ने लिखा कि ऐसी साम्प्रदायिक मानसिकता वाले शख्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए, जो देश में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का दुस्साहस खुलेआम कर शासन और प्रशासन को चुनौती दे रहा है। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि जब तक इन जिहादी मौलानाओं जैसे- मौलाना तौकीर रजा पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी तब तक ये ऐसे ही उन्मादी बयानबाजी करते रहेंगे।
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