जब भी देश में कोई प्राकृतिक आपदा आती है, तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता निरंतर सेवा में जुट जाते हैं। एक बार फिर से यह दृश्य पुरी में देखने को मिला। वहां निकली रथयात्रा के दौरान उत्कल बिपन्न सहायता समिति ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की देखेरख में कुल 10 प्रकार के सेवा कार्य किए। इन कार्यों के लिए 1,500 से अधिक कार्यकर्ता तैनात थे। इन कार्यकर्ताओं ने भीड़ में किसी कारणवश घायल या बेहोश हुए श्रद्धालुओं को तत्काल अस्पताल पहुंचाया। कार्यकर्ताओं ने श्रद्धालुओं के बीच एम्बुलेंस के लिए रास्ता बनाया।
स्वच्छता के लिए 10 समूहों में 150 स्वयंसेवकों ने अपनी सेवाएं प्रदान कीं। भोजन वितरण कार्य में 60 स्वयंसेवक लगे थे। एम्बुलेंस के लिए मानव शृंखला के जरिए गलियारा बनाने हेतु 1060 स्वयंसेवक लगे थे। ये सारे स्वयंसेवक 7 व 8 जुलाई को दो दिन लगातार सेवा के कार्य में लगे रहे।
स्वयंसेवकों के कारण ही घायलों व अस्वस्थ लोगों को रथ के निकट से एम्बुलेंस के पास सहजता से पहुंचाया जा रहा था। स्वयंसेवकों के इन कार्यों की हर किसी ने सराहना की। उत्कल बिपन्न सहायता समिति द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार श्रद्धालुओं की प्राथमिक चिकित्सा में 8 डाक्टर, दो फार्मासिस्ट और दो स्वास्थ्य सहायक लगे थे। इसी तरह दो एम्बुलेंस के साथ 40 स्वयंसेवक कार्य कर रहे थे। इसके साथ ही स्ट्रेचर सेवा में भी स्वयंसेवक लगे थे। 9 स्ट्रेचर सेवा में 36 स्वयंसेवक कार्य कर रहे थे। दस स्थानों पर पेयजल वितरण का कार्य हो रहा था और इस कार्य में 60 स्वयंसेवक लगे थे। भारी उमस व गर्मी के कारण श्रद्धालुओं के ऊपर पानी छिड़कने के लिए कुल 14 मशीनें लगाई गई थीं। इनके लिए 42 स्वयंसेवक लगे थे।
इसी तरह पुरी के अस्पतालों में भी घायलों व अस्वस्थ श्रद्धालुओं की सहायता के लिए स्वयंसेवक तैनात थे। अस्पतालों के विभिन्न विभागों में कुल 350 स्वयंसेवकों ने मरीजों की सहयता की। इसी तरह स्वच्छता के लिए 10 समूहों में 150 स्वयंसेवकों ने अपनी सेवाएं प्रदान कीं। भोजन वितरण कार्य में 60 स्वयंसेवक लगे थे। एम्बुलेंस के लिए मानव शृंखला के जरिए गलियारा बनाने हेतु 1060 स्वयंसेवक लगे थे। ये सारे स्वयंसेवक 7 व 8 जुलाई को दो दिन लगातार सेवा के कार्य में लगे रहे।
रथयात्रा से एक दिन पूर्व यानी 6 जुलाई को पुरी के घोडा बाजार स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में संघ के वरिष्ठ अधिकारियों ने वहां उपस्थित समस्त स्वयंसेवकों को दस विभागों के सेवा कार्यों के बारे में जानकारी दी। इसके बाद स्वयंसेवकों ने रथयात्रा के दिन सुबह सात बजे से अपने निर्धारित सेवा कार्य करना प्रारंभ कर दिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ओडिशा (पूर्व) के संघचालक समीर महांति, राष्ट्रीय सेवा भारती के संगठन मंत्री सुधीर जी, क्षेत्री संपर्क प्रमुख विद्युत मुखर्जी, प्रांत प्रचारक बिपिन प्रसाद नंद, सह प्रांत कार्यवाह सुदर्शन दास, प्रांत सेवा प्रमुख शांतनु माझी, उत्कल बिपन्न सहायता समिति के अध्यक्ष अक्षय बीट, सेवा भारती के प्रांत संगठन मंत्री श्री कैलास चंद्र जेना, रथयात्रा सेवा के संयोजक रुद्र नारायण महापात्र ने उपस्थित रह कर सेवा कार्यों की निगरानी की।
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