दिल्ली शराब घोटाले के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आखिरकार बड़ी राहत सुप्रीम कोर्ट ने दी है। शीर्ष अदालत ने एक बार फिर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को भेज दिया है। लेकिन अरविंद केजरीवाल को अभी जेल में ही रहना होगा, क्योंकि राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी घोटाले में सीबीआई के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ा दी है।
अब सीएम केजरीवाल को लेकर तीन सदस्यों की बेंच सुनवाई करेगी। ।
गौरतलब है कि दिल्ली शराब नीति घोटाले के मामले में ईडी की गिरफ्तारी के बाद से केजरीवाल जेल में बंद थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि चुनाव पांच साल में एक बार आता है, इसलिए उन्हें चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी जाए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी।
क्या है पूरा मामला
दिल्ली शराब नीति 2021-22 में घोटाले के मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी हिरासत में भेजा था। ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली आबकारी घोटाला मामले के मुख्य साजिशकर्ता (किंगपिन) हैं। आज ईडी ने कहा कि केजरीवाल सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं। वह सहयोग नहीं कर रहे हैं।
ईडी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाला के मुख्य साजिशकर्ता हैं। ईडी को केजरीवाल के घर पर छापेमारी में कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इनसे पता चला है कि केजरीवाल दो ईडी अधिकारियों की जासूसी कर रहे थे। ईडी के मुताबिक विजय नायर दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत को दिए गए घर में रह रहे थे। उन्होंने साउथ ग्रुप और आम आदमी पार्टी के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई। अरविंद केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांग की।
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