लेकिन राहुल गांधी ने मर्यादा तोड़ दी
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

लेकिन राहुल गांधी ने मर्यादा तोड़ दी

लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हिन्दुओं को हिंसक कहा है। इस वक्तव्य पर अखिल भारतीय प्रतिक्रिया हो रही है।

by हृदय नारायण दीक्षित
Jul 6, 2024, 01:00 pm IST
in भारत
राहुल गांधी

राहुल गांधी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हिन्दुओं को हिंसक कहा है। इस वक्तव्य पर अखिल भारतीय प्रतिक्रिया हो रही है। नेता प्रतिपक्ष से सदन की मर्यादा और अतिरिक्त शालीन व्यवहार की अपेक्षा रहती है। लेकिन राहुल ने मर्यादा तोड़ दी। वे प्रधानमंत्री को संसदीय परंपरा के अनुसार माननीय नहीं कहते। वे उन्हें ‘नरेंदर मोदी’ कहते हैं। वे संभवतः यह बात भी नहीं जानते कि संसदीय व्यवस्था में नेता प्रतिपक्ष का पद बेहद सम्माननीय होता है। ब्रिटिश संसदीय परम्परा में वह ‘गवर्नमेन्ट इन वेटिंग” कहा जाता है। कमाल है कि वे भारतीय उपमहाद्वीप के अभिजनों की विश्ववरेण्य हिन्दू संस्कृति से अपरिचित हैं। हिन्दू उन्हें हिंसक दिखाई पड़ते हैं। हिन्दू समाज व्यवस्था का मूलभूत तत्व लोककल्याण है। हिन्दू भारत की प्रकृति और संस्कृति के संवाहक हैं। यह भारत के लोगों की जीवनशैली है। हिन्दू जीवनशैली में सभी विश्वासों के प्रति आदर भाव है।

हिन्दुत्व समग्र दार्शनिक अनुभूति है। लेकिन भारतीय राजनीति के आख्यान में हिन्दू तत्व के अनेक चेहरे हैं। उग्र हिन्दुत्व, साम्प्रदायिक हिन्दुत्व आदि अनेक विशेषण मूल हिन्दुत्व पर आक्रामक हैं। हिंसक हिन्दुत्व राहुल ने जोड़ा है। अंग्रेजी भाषान्तर में हिन्दुत्व को हिन्दुइज्म कहा जाता है। इज्म विचार होता है। विचार ‘वाद’ होता है। वाद का प्रतिवाद भी होता है। पूंजीवाद-कैप्टलिज्म है। समाजवाद सोशलिज्म है। इसी तरह कम्युनिज्म है। अंग्रेजी का हिन्दुइज्म भी हिन्दूवाद का अर्थ देता है। लेकिन हिन्दुत्व हिन्दूवाद नहीं है। हिन्दुत्व समग्र मानवीय अनुभूति है। आस्तिकता हिन्दू जीवन की मूल प्रकृति है। हिन्दू होना परिपूर्ण लोकतंत्री होना है। हिन्दू सभी विचारों का आदर करते हैं।

हिन्दू धर्म वैदिक धर्म का विकास है। हिन्दू होना भारतीय जीवन शैली है। इस्लाम और ईसाईयत पंथ हैं। वे भारत के बाहर विकसित हुए। भारत में उनका परिचय हिन्दू धर्म से हुआ। हिन्दुओं के लिए भी इस्लाम व ईसाईयत सर्वथा नए विश्वास थे। भारतीय जनता का एक हिस्सा इस्लाम व ईसाईयत को भी धर्म कहता है। लेकिन हिन्दू धर्म ईसाईयत या इस्लामी पंथिक विश्वास जैसा नहीं है। ईसाईयत और इस्लाम में एक ईश्वर, एक देवदूत या पैगम्बर और एक पवित्र पुस्तक के प्रति विश्वास की धारणा है। हिन्दू धर्म किसी एक पवित्र पुस्तक या देवदूत से बंधा नहीं है। कुछ विद्वान भारत में सभी धर्मों में समन्वय की बातें करते हैं। वे इस्लाम और ईसाईयत को भी धर्म कहते हैं। सच यह नहीं है। पंथ, मत, मजहब और रिलीजन अनेक हैं। धर्म एक है। इसे सनातन धर्म भी कहते हैं। इसे वैदिक धर्म भी कहते हैं। भारत में धर्म और धार्मिक विकास की यात्रा मजेदार है। यहां दर्शन और वैज्ञानिक विवेक का जन्म पहले हुआ और धर्म संहिता का विकास बाद में। जिज्ञासा और प्रश्नाकुलता हिन्दू दर्शन की विशेषता है। यहां साधारण हिन्दू भी आस्था पर प्रश्न करते हैं और संवाद भी। प्रश्नाकुलता और उदारता हिन्दू समाज की बड़ी पूंजी है। सबके प्रति बंधुभाव हिन्दू की प्रकृति है। ऐसा उदार हिन्दू समाज हिंसक नहीं हो सकता।

हिन्दू विचार में प्रकृति शाश्वत है। प्राकृतिक नियम शाश्वत होते हैं। प्रकृति सुंदर है। आनंदरस से भरी पूरी है। यह सत्य है। शिव है। कल्याणकारी है। इसी शिव और सुंदर का संवर्द्धन हम सबका कर्तव्य है। यह प्रतिपल सृजनशील है। नया आता है। अरुण होता है। तरुण होता है। गृह नक्षत्र सुनिश्चित नियम में गतिशील रहते हैं। प्रकृति के गोचर प्रपंचों में हिंसा नहीं है। वैदिक पूर्वजों ने प्रकृति के संविधान को ‘ऋत्’ कहा है। ऋत् वैज्ञानिक अनुभूति है और हिन्दू प्रतीति है। हिन्दू दृष्टि में प्रकृति की शक्तियां उपास्य हैं। इन्द्र, अग्नि, पृथ्वी, पर्जन्य, मरुत, रूद्र आदि अनेक वैदिक देवता हैं। वरुण देवता प्राकृतिक नियमों के संरक्षक-ऋताव हैं। हिन्दू विश्वास में देवता भी नियम पालन करते हैं। मरुत वायुदेव भी नियमानुसार गतिशील ऋतजाता हैं (ऋ०3-15-11)। हिन्दू आस्तिकता में किसी भी शक्तिशाली मनुष्य या देवता को नियम पालन न करने की छूट नहीं है। ऋत् के संरक्षक शक्तिशाली वरुण को भी नहीं।

ऋग्वेद के अनुसार धरती और आकाश वरुण के नियम से धारण किए गए हैं-वरुणस्य धर्मणा (6-70-1)। ऐसे अनुभवजन्य विश्वास में हिंसा की जगह नहीं है। प्राकृतिक नियमों का धारण करना धर्म है। बताते हैं कि शक्तिशाली वरुण ने सूर्य का मार्ग निर्धारित किया है। यह है ऋतु नियम। सूर्य ने यह नियम पालन किया। यह हुआ सूर्य का धर्म। वैदिक काल के बाद ऋत् और धर्म एक ही अर्थ में कहे जाने लगे। ऋत् मार्गदर्शी है। इसके अनुसार कर्म करना धर्म है। धर्मानुसार कर्म में हिंसा नहीं। विष्णु बड़े देवता हैं। उन्होंने तीन पग चलके पूरी धरती नाप ली। ऋग्वेद के अनुसार वे धर्म धारण करते हुए तीन पग चले।

सूर्य, सविता देवता हैं। वे भी द्युलोक, अंतरिक्ष और पृथ्वी को धर्मानुसार प्रकाश से भरते हैं। (4-53-3) प्रजापति सत्यधर्मा हैं (10-121-9) सूर्य भी सत्यधर्मा हैं। प्रकृति की सभी शक्तियाँ ऋतबद्ध धर्म आचरण करती हैं। इसलिए हिन्दुओं का आचरण भी नियमबद्ध होता है। सुख आनंद का आधार सत्य है। सत्य नित्य है। सत्य बोलना धर्म है। वैदिक काल से ही झूठ के लिए ‘अनृत‘ शब्द प्रयुक्त होता रहा है। ऋत् सत्य है। अनृत झूठ है। पूर्वजों ने मानव समाज के लिए नियमों का विकास किया। देशकाल के अनुसार इसमें नया जुड़ता रहा है। काल बाह्य छूटता रहा है। इसी आचार संहिता का नाम धर्म पड़ा। हिन्दू धर्म सतत विकासशील है। हिन्दू ईश्वर को भी मानने या न मानने के लिए स्वतंत्र हैं। बृहदारण्यक उपनिषद् (2-5-11) में कहते हैं, ”धर्म सभी भूतों का मधु है। समस्त भूत इस धर्म के मधु हैं।” इसी मधु का नाम हिन्दुत्व है। हिन्दू मन स्वाभाविक ही उदार है।

दर्शन और वैज्ञानिक विवेक से हिन्दुओं ने विश्ववरेण्य संस्कृति का विकास किया। इसका ध्येय विश्व का लोकमंगल रहा है। हिन्दू धर्म जगत् की व्यवस्था को बनाए रखने की आचार संहिता है। धर्म का संवर्द्धन और पालन प्रत्येक भारतवासी का कर्तव्य है। हिन्दू मन पूरे विश्व को परिवार मानता है। प्रकृति के अंश हैं हम सब। प्रकृति में रहते हैं। इसी के अंगभूत घटक हैं। प्रकृति से हमारे व्यवहार की आत्मीयता भी हिन्दुत्व है। हिन्दू सम्पूर्ण अस्तित्व के प्रति सत्यनिष्ठ हैं। कठोपनिषद् में नचिकेता और यम के बीच प्रश्नोत्तर हैं। नचिकेता ने यम से पूछा, ”जो धर्म से पृथक हैं, अधर्म से पृथक हैं, भूत भविष्य से भी पृथक हैं, कृपा कर के आप मुझे वही बताइए।” यहां दिक्काल से परे किसी अमृत तत्व की जिज्ञासा है। हिन्दू दिक्काल से परे भी सोचते रहे हैं। धर्म राष्ट्रजीवन की आचार संहिता है। इस आचार संहिता का विकास हजारों वर्ष की साधना से हुआ है। नचिकेता धर्म अधर्म और देशकाल-भूत भविष्य से परे सम्पूर्ण सत्य का जिज्ञासु है।

हिन्दुओं ने वैदिक काल में ही सभा और समितियों का विकास कर लिया था। सभा में मधुर बोलना उच्चतर जीवन मूल्य है। सभा के योग्य लोग सभ्य कहे जाते थे। लोकसभा पवित्र सदन है। कार्यवाही के नियम हैं। अध्यक्षीय आसन का सम्मान सभी सदस्यों का कर्तव्य है। इसी पवित्र सदन में प्रधानमंत्री को नमस्कार करते लोकसभा अध्यक्ष के झुकने की व्याख्या की गई। इस व्याख्या ने भारत का मन आहत किया है। वरिष्ठों का सम्मान हिन्दू संस्कृति का महत्वपूर्ण अंश है। ऋग्वेद में कहा गया है, ”नमः ऋषभ्या, पूर्वेभ्यः, पूर्वजेभ्यः, पथिकृभ्य”-ऋषियों को नमस्कार, हमसे पूर्व जन्मे लोगों को नमस्कार, पूर्वजों को नमस्कार और पथप्रदर्शक को नमस्कार है। लेकिन पवित्र संसद में झुककर नमस्कार का मजाक बनाया गया। यह आहतकारी है।

(लेखक, उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हैं।)

 

 

 

 

 

Topics: राहुल गांधी ने हिन्दुओं को कहा हिंसकCongress#hinduराहुल गांधीRahul Gandhi
Share43TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

सनातन के पदचिह्न: थाईलैंड में जीवित है हिंदू संस्कृति की विरासत

Swami Dipankar

सावन, सनातन और शिव हमेशा जोड़ते हैं, कांवड़ में सब भोला, जीवन में सब हिंदू क्यों नहीं: स्वामी दीपांकर की अपील

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies