12.7 वर्ग किलोमीटर का यह क्षेत्र जॉर्डन वैली में है। तथ्यों की बात करें तो 1993 के हुई ओस्लो संधि के बाद यह पहली बार है जब इतनी व्यापक जमीन पर कब्जा कर लेने को हरी झंडी दिखाई गई है
आखिरकार इस्राइल की नेतन्याहू सरकार ने एक कदम आगे जाकर वेस्ट बैंक के एक बड़े इलाके में यहूदी रिहायशी इलाके बसाने की योजना को हरी झंडी दिखा दी है। यह रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण कदम लगभग 30 साल बाद उठाया गया है जिसके तहत वेस्ट बैंक में एक बड़े क्षेत्र को सरकार ने कब्जे में लेने पर अपनी मुहर लगाई है।
प्राप्त समाचारों के अनुसार, इस्राएल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले दिनों उस बड़ी विस्तृत जमीन पर कब्जा करने की संस्तुति की है। 12.7 वर्ग किलोमीटर का यह क्षेत्र जॉर्डन वैली में है। तथ्यों की बात करें तो 1993 के हुई ओस्लो संधि के बाद यह पहली बार है जब इतनी व्यापक जमीन पर कब्जा कर लेने को हरी झंडी दिखाई गई है।
उल्लेखनीय है कि इस्राइल के सुरक्षा बलों ने हमास को जड़ से खत्म करने की अपनी कसम के तहत पिछले साल 7 अक्तूबर को गाजा पट्टी और फिलिस्तीन के उन इलाकों पर हमला बोला था जहां हमास के आतंकवादियों के छुपे होने का अंदेशा था। आज लगभग आठ महीने हो चुके हैं और अभी इस लड़ाई के खत्म होने के संकेत नहीं हैं। इस्राएल ने अनेक बार अपनी कसम दोहराई है कि लड़ाई हमास के खात्मे से ही खत्म होगी।
फिलिस्तीन की यह जमीन वेस्ट बैंक में है जहां इस्राएल की ओर से कब्जा करने की तैयारी हो चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस्राएल सरकार के इस कदम से उस क्षेत्र में माहौल ज्यादा ही गरमा सकता है। तनाव बढ़ने से हालात और बिगड़ सकते हैं। हमास विरोध युद्ध की वजह से वेस्ट बैंक का पूरा क्षेत्र हिंसाग्रस्त है। इस्राइल के सैनिकों ने गाजा पट्टी में अपना अभियान जारी रखा हुआ है।
सूत्रों के अनुसार वेस्ट बैंक के उस क्षेत्र को अपने कब्जे में लेने की स्वीकृति इस्राएल प्रशासन ने बहुत पहले दे दी थी। लेकिन तनाव को देखते हुए इसका खुलासा नहीं किया गया था। कल इस बारे में जानकारी सार्वजनिक की गई है। इस्राइल पहले गत फरवरी और मार्च में वेस्ट बैंक के क्रमश: 2.6 तथा 8 वर्ग किलोमीटर इलाके पर कब्जे को स्वीकृति दे चुका था।
बता दें कि वेस्ट बैंक वही क्षेत्र है जहां के रामल्ला शहर से फिलिस्तीन के प्रशासन का मुख्यालय काम करता है। इसी शहर के पूर्व में एक बड़े हिस्से को इस्राएल अपने देश की धरती घोषित कर चुका है। इस इलाके को अब इस्राइल के नागरिक लीज पर ले सकते हैं। इस्राएल सरकार ने इस क्षेत्र में एक पाबंदी लगा दी है जिसके तहत फिलिस्तीनियों का वहां जाना वर्जित कर दिया गया है।
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