भारत ने एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल की है, जिसने उसे जीव-जंतुओं की संपूर्ण सूची बनाने वाला दुनिया का पहला देश बना दिया है। इस महत्त्वपूर्ण परियोजना के तहत एक लाख से ज्यादा प्रजातियों को शामिल किया गया है, जो भारत की जैव विविधता की समृद्धि और उसके संरक्षण के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि भारत 1,04,561 प्रजातियों को कवर करने वाले अपने संपूर्ण जीव-जंतुओं की सूची तैयार करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
परियोजना की पृष्ठभूमि
भारत का वन्यजीवन और जैव विविधता विश्व के सबसे विविधतापूर्ण क्षेत्रों में से एक है। हिमालय से लेकर तटीय क्षेत्रों तक, यहां की जैव विविधता अत्यधिक विविध और अद्वितीय है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य देश में पाई जाने वाली सभी जीव-जंतुओं और पौधों की प्रजातियों का विस्तृत और संगठित रिकॉर्ड बनाना था।
परियोजना की महत्वपूर्ण विशेषताएं
विस्तृत सर्वेक्षण और डेटा संग्रह-
इस परियोजना के तहत पूरे देश में व्यापक सर्वेक्षण किए गए और प्रत्येक क्षेत्र की विभिन्न प्रजातियों की जानकारी एकत्र की गई।
डेटा संग्रह के लिए आधुनिक तकनीकों और उपकरणों का उपयोग किया गया, जिससे डेटा की सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित हुई।
प्रजातियों की पहचान और वर्गीकरण-
वैज्ञानिकों ने प्रजातियों की पहचान और उनका वर्गीकरण किया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि कोई भी महत्वपूर्ण प्रजाति छूट न जाए।
इस प्रक्रिया में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की सहायता ली गई, जिससे यह कार्य अधिक व्यवस्थित और प्रभावी हो सका।
डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग-
इस परियोजना के तहत एक डिजिटल डेटाबेस तैयार किया गया, जिसमें सभी प्रजातियों की जानकारी संग्रहीत की गई है।
यह डेटाबेस शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और आम जनता के लिए उपलब्ध है, जिससे वे भारत की जैव विविधता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उसका संरक्षण कर सकते हैं।
परियोजना के लाभ
जैव विविधता का संरक्षण-
इस सूची के माध्यम से भारतीय जैव विविधता की समृद्धि का व्यापक दृष्टिकोण मिलता है, जिससे इसके संरक्षण के प्रयासों को नई दिशा मिलती है।
यह परियोजना जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय खतरों के खिलाफ हमारी जैव विविधता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
शोध और शिक्षा में वृद्धि-
यह सूची वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बनेगी, जिससे उन्हें अपने शोध कार्यों में सहायता मिलेगी।
विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए भी यह जानकारी उपयोगी होगी, जिससे वे जीव-जंतुओं के बारे में गहराई से जान सकेंगे।
पर्यटन और आर्थिक लाभ-
भारत की जैव विविधता का यह विस्तृत रिकॉर्ड पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक होगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।
पर्यावरणीय पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे स्थानीय समुदायों की आय में वृद्धि होगी।
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