कर्णावती । राज्य सरकार ने ‘गुजरात स्टेट लिटिगेशन पॉलिसी’ में नया प्रावधान जोड़ा है। जिसके तहत अगर किसी अधिकारी की लापरवाही की वजह से सरकार कोई केस हार जाती है तो ऐसे मामले में अधिकारी के खिलाफ दंडनीय कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा सरकार के किसी भी सम्बद्ध विभाग और कानून विभाग का अभिप्राय अलग-अलग हो तो ऐसे मामले में कमेटी निर्णय करेगी।
राज्य में ‘गुजरात स्टेट लिटिगेशन पॉलिसी’ साल 2011 से अमल में है। इस पॉलिसी के तहत कुछ किस्सों में सरकार के द्वारा किए गए कानूनी केस या फिर सरकार के खिलाफ किए गए केस में अधिकारी की लापरवाही की वजह से सरकार अगर केस हार जाए तो ऐसे मामलों में किसी की भी जिम्मेदारी तय नहीं होती थी। कुछ किस्सों में कोर्ट केस में देरी हो या फिर कोर्ट केस में जवाब पेश नहीं किए जाने पर कोर्ट केस ही निकाल देती थी। ऐसे मामलों में भी किसी भी अधिकारी की जिम्मेदारी तय नहीं होती थी। जिसके चलते राज्य सरकार ने जिम्मेदारी तय करने के लिए ‘गुजरात स्टेट लिटिगेशन पॉलिसी’ में नया प्रावधान जोड़ा है।
क्या है नया प्रावधान
‘गुजरात स्टेट लिटिगेशन पॉलिसी’ में नए प्रावधान के अनुसार अगर किसी अधिकारी की लापरवाही या पर्याप्त जानकारी उपलब्ध न करवाने के कारण कोई केस में परिणाम आता है तो ऐसे मामलों में अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
खास कमेटी का होगा गठन
कुछ केस में कानून विभाग एवं सम्बद्ध विभाग के निर्णय अलग-अलग हो ऐसे मामलों में निर्णय लेने के लिए एक खास कमेटी का गठन किया जाएगा। राज्य के मुख्य सचिव इस कमेटी के अध्यक्ष रहेंगे। इस कमेटी में वित्त, सामान्य प्रशासन, कानून विभाग और सम्बद्ध विभाग के सचिव सभ्य रहेंगे। आखिरकार कमेटी के निर्णय के आधार पर केस में आगे की कार्यवाही पर निर्णय लिया जाएगा।
टिप्पणियाँ