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उत्तराखंड : महासू देवता धाम के मास्टर प्लान की तैयारी, सनातन स्थलों के विकास में धामी सरकार का एक और कदम

कैबिनेट द्वारा लिये गए अन्य 11 महत्वपूर्ण निर्णय

by दिनेश मानसेरा
Jun 22, 2024, 06:13 pm IST
in उत्तराखंड
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देहरादून । उत्तराखंड की धामी सरकार ने देवभूमि के तीर्थ स्थलों के विकास के लिए अपने विजन पर आगे बढ़ते हुए आज महासू देवता के धाम के स्थल विकास का मास्टर प्लान बनाने का फैसला कैबिनेट में पास कर दिया। हिमांचल के सिरमौर घाटी और उत्तराखंड के जौनसार बावर क्षेत्र के कुल देवता माने जाते महासू देवता का हनोल में टोंस नदी के किनारे धाम स्थापित है मान्यता है कि ये मंदिर आठवी सदी का है और भारतीय पुरातत्व विभाग इसकी देखरेख करता है।

महासू देवता में हिमाचल उत्तराखंड में लाखो श्रद्धालुओ की आस्था है।

हर दिन यहां श्रद्धालुओ का आगमन बढ़ रहा है। हनोल के विकास के लिए कैबिनेट ने मास्टर प्लान बनाने की मंजूरी दे दी है। इसके तहत यहां आसपास के लोगो को मकान शिफ्ट करने के लिए सरकार दस लाख रु देगी यदि उनके पास अपनी जमीन नहीं है तो सरकार अपनी जमीन देगी।

कैबिनेट निर्णय की जानकारी देते हुए सरकार की तरफ से बताया गया कि जनपद देहरादून के अन्तर्गत महासू देवता का मास्टर प्लान के तहत सुनियोजित विकास किये जाने हेतु परिसर में अधिवास कर रहें परिवारों को विस्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया।

जनपद देहरादून के अन्तर्गत महासू देवता का मास्टर प्लान के तहत सुनियोजित विकास किया जा रहा है। सुनियोजित विकास किये जाने से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा। उक्त सुनियोजित विकास किये जाने हेतु परिसर में अधिवास कर रहें परिवारों को उनकी सहमति से अन्यत्र विस्थापित किये जाने की नीति का निर्धारण किया गया है, जिसमें अनूसूचित जनजाति के प्रभावित्त परिवारों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए एकमुश्त धनराशि एवं अन्य प्राविधान किये जाने के संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा मंजूरी।

कैबिनेट द्वारा लिये गये अन्य 11 महत्वपूर्ण निर्णय

01- ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत विद्युत सुरक्षा विभाग के पदीय ढांचे के पुर्नगठन विषयक।

दिनांक 20 जुलाई 2023 को हुई चमोली स्थित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट दुघर्टना के आलोक में राज्य सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों की पूर्ति हेतु विद्युत सुरक्षा विभाग के कार्यों को समयबद्ध रूप से सुनिश्चित किये जाने हेतु राज्य की भौगालिक परिस्थितियों के अनुसार विभागीय कार्यों का जनपदों के आधार पर निर्धारण करते हुए वर्तमान पदीय ढांचे में सृजित 65 पदों के सापेक्ष 123 पदों को पुर्नगठित किये जाने विषयक विभागीय प्रस्ताव के सापेक्ष मंत्रिमण्डल द्वारा 80 पदों के सृजन प्रस्ताव एवं पुर्नगठन पर अनुमोदन प्रदान किया गया।

02- उत्तराखण्ड एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण विधेयक, 2024 (Uttarakhand Unified Metropolitan Transport Authority Bill] 2024) के प्रख्यापन के संबंध में।

उत्तराखण्ड राज्य में शहरी परिवहन के विकास, संचालन, रखरखाव, निगरानी और पर्यवेक्षण को विनियमित करने के लिए ‘उत्तराखण्ड एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण विधेयक, 2024’ का प्रख्यापन किया जाना अति आवश्यक है।

उत्तराखण्ड राज्य में उत्तराखण्ड यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के प्रबन्धन एवं नियंत्रण हेतु विधेयक की आवश्यकता प्रतीत हुई है। विधेयक का ड्राफ्ट् MoHUA के दिशा-निर्देशों एवं केरल राज्य के मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अधिनियम, 2019 के आधार पर तैयार किया गया है। राज्य में शहरी परिवहन के विकास, संचालन, रखरखाव, निगरानी और पर्यवेक्षण को विनियमित करने के लिए ‘उत्तराखण्ड एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण विधेयक, 2024’ विधेयक को विधान सभा में सदन के पटल पर रखे जाने की अनुमति कैबिनेट द्वारा प्रदान की गई है।

03- आवास विभाग के अन्तर्गत राज्य के विभिन्न प्राधिकरणों में मिनिस्ट्रियल वर्गीय संवर्ग में केन्द्रीयित एवं अकेन्द्रीयित सेवा के संबंध में कार्मिक विभाग की नियमावलियों को अंगीकृत किये जाने तथा नियुक्ति प्राधिकारी नियत किये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

प्राधिकरणों में लिपिक वर्ग तथा वैयक्तिक सहायक संवर्ग में भर्ती हेतु नियमावली प्रख्यापित नहीं है, जिस कारण प्राधिकरणों में सृजित सीधी भर्ती के पदों पर चयन की कार्यवाही नहीं हो पा रही है। उक्त के दृष्टिगत कार्मिक एवं सतर्कता विभाग की लिपिक वर्गीय कर्मचारी वर्ग तथा वैयक्तिक सहायक संवर्गीय कर्मचारी सेवा नियमावलियों को स्थानीय विकास प्राधिकरणों तथा उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण के लिपिक संवर्गीय कर्मचारियों तथा वैयक्तिक सहायक संवर्गीय कर्मचारियों के सेवा इत्यादि संबंधी प्रकरणों को व्यवहृत करने हेतु अंगीकृत किया जाना है।

04- उत्तराखण्ड वित्त सेवा के अन्तर्गत सीधी भर्ती के माध्यम से चयनित वित्त अधिकारियों के व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के सम्बन्ध में प्रस्तुत प्रस्ताव को किया गया अनुमोदित।

राज्य सरकार द्वारा नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किये गये लक्ष्य ‘सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि’ को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि राजकीय कार्मिकों में आवश्यक कौशल, ज्ञान और क्षमताओं से लेकर नए प्रौद्योगिकी और कानूनी प्राविधानों की समझ विकसित किये जाने हेतु उत्तराखण्ड वित्त सेवा के अन्तर्गत सीधी भर्ती के माध्यम से चयनित वित्त अधिकारियों, सचिवालय एवं पीसीएस अधिकारियों के व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम एवं पदोन्नति के उपरान्त प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया।

05- राज्य सरकार के कार्मिकों के वेतन खातों को कारपोरेट सेलरी एकाउन्ट / पैकेज की सुविधा प्रदान किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

राज्य सरकार के कार्मिकों को कॉरपोरेट सेविंग बैंक सेलरी पैकेज के अन्तर्गत लाभ उपलब्ध कराने हेतु उत्तराखण्ड के राजकीय कार्मिक, जिनको कोषागार द्वारा विभिन्न अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों के माध्यम से वेतन भुगतान किया जाता है, उनको कॉरपोरेट सेलरी पैकेज का लाभ उपलब्ध कराये जाने हेतु प्रथम चरण में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बडौदा, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया, केनरा बैंक के साथ अनुबन्ध हस्ताक्षर किये जाने संबंधी प्रसताव को कैबिनेट द्वारा मंजूरी प्रदान की गई।

06- पर्यटन नीति, 2018 में संशोधन किये जाने के सम्बन्धी प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा किया गया अनुमोदित।

उत्तराखण्ड में पर्यटन के क्षेत्र के विकास को बढ़ावा दिये जाने हेतु उद्यमियों के लिये नये अवसरों के सृजन एवं पर्यटन व्यवसाय के लिये निवेशकर्ताओं की सुगमता के लिए एकल खिड़की प्रणाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन नीति-2018 प्रख्यापित की गयी थी।।

उक्त पर्यटन नीति में उद्योगों को कई श्रेणी में विभाजित किया गया था। उक्त नीति के अन्तर्गत श्रेणी A, B एवं B+ में SGST की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति का 5 वर्ष तक का प्राविधान था तथा 5 वर्ष के पश्चात् 90, 75 एवं 75 प्रतिशत प्रतिपूर्ति कितने वर्षों तक की जायेगी, इसका कोई उल्लेख नहीं था। इसको संशोधित करते हुए 5 वर्ष के पश्चात् SGST की 90, 75 एवं 75 प्रतिशत प्रतिपूर्ति अगले 5 वर्षों तक के लिए किया गया है। इसी प्रकार लार्ज प्रोजेक्टस, मेगा प्रोजेक्टस एवं अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्टस में SGST की 30, 50, 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति कितने वर्षों तक की जायेगी, इसका कोई उल्लेख नहीं था। इसको संशोधित करते हुए लार्ज प्रोजेक्टस, मेगा प्रोजेक्टस एवं अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्टस में SGST की 30, 50, 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति 10 वर्ष तक किये जाने की समय सीमा निर्धारित किये जाने संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया।

07- चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्तर्गत खाद्य पदार्थों के परीक्षण हेतु मोबाइल इकाइयां फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स के संचालन हेतु आउटसोर्स पदों के सृजन के सम्बन्धी प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा किया गया अनुमोदित।

भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण, नई दिल्ली तथा खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखण्ड के मध्य हुये एम.ओ.यू. के अन्तर्गत भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से सचल खाद्य विश्लेषणशालाओं ( फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स ) का संचालन किया जाना है। उक्त के दृष्टिगत् खाद्य पदार्थों का परीक्षण किये जाने हेतु आम नागरिकों को जनजागरूकता एवं प्रशिक्षण प्रदान किये जाने हेतु 08 आउटसोर्स पदों का सृजन किया जा रहा है। जिसकी कैबिनेट द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।

08- चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के तहत ही गढ़वाल मण्डल के अन्तर्गत देहरादून में खाद्य विश्लेषणशाला स्थापित किये जाने एवं विश्लेषणशाला हेतु सम्बन्धित पद सृजन किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव को किया गया अनुमोदित।

राज्य में फूड सेफ्टी इकोसिस्टम को सुदृढ़ किये जाने तथा राज्य खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला रूद्रपुर में खाद्य नमूनों का दबाव अधिक होने एवं मानव संसाधन की कमी के दृष्टिगत् विश्लेषणशाला का अवसंरचनात्मक भौतिक एवं संस्थागत विस्तार किये जाने हेतु गढ़वाल मण्डल के अन्तर्गत देहरादून में खाद्य विश्लेषणशाला स्थापित किये जाने एवं विश्लेषणशाला हेतु निम्नलिखित 13 पदों का सृजन किया जा रहा है। जिसकी कैबिनेट द्वारा मंजूरी हो गई है।

09- मा० उच्चतम न्यायालय एवं मा० उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड, नैनीताल के सहयोग से पारिवारिक न्यायालयों के मामलों पर जनपद देहरादून में दिनांक 06 एवं 07 अप्रैल, 2024 को आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन के आयोजन में सम्बन्धित फर्म / संस्था द्वारा व्यय की गई धनराशि के भुगतान हेतु अधिप्राप्ति नियमावली, 2017 (समय-समय पर यथासंशोधित) में शिथिलीकरण/ छूट प्रदान किये जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा किया गया अनुमोदित।

10- सहकारी समितियों में परिवारवाद को समाप्त करने, सहकारी समितियों की प्रबन्धन समितियों की निर्वाचन प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी करने एवं समिति के कार्यों में गुणवत्ता व कार्यकुशलता में वृद्धि करने के साथ ही उत्तराखण्ड राज्य की सहकारी समितियों की प्रबन्ध समिति के सदस्य व सभापति पद पर महिलाओं हेतु 33 प्रतिशत पद आरक्षित रखे जाने के उददेश्य से उत्तराखण्ड सहकारी समिति (संशोधन) नियमावली, 2004 के नियम-80, 81, 415, 456, 470-क एवं 473 तथा उत्तराखण्ड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली, 2018 के नियम-28 एवं 47 में संशोधन किये जाने के संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा किया गया अनुमोदित।

11 उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड मिनिस्ट्रीयल संवर्गीय पदों पर संविलियन नियमावली-2024 प्रख्यापन किये जाने तथा विशेषज्ञ डॉक्टर को सेवाअवधि 65 वर्ष किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड का दायित्व मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेन्ट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफसर और प्रोफेसर, समस्त ऐलोपैथिक, दन्त, आयुष, होम्योपैथिक, युनानी चिकित्सालयों में चिकित्साधिकारियों एवं पैरामेडिकल स्टाफ के सीधी भर्ती के पदों पर चयन आदि कार्यों को निरन्तर संतोषजनक रूप से किया जाता है। बोर्ड को अन्तर्गत मिनिस्ट्रियल संवर्ग में कोई भी नियमित भर्ती कार्मिक वर्तमान में कार्यरत नहीं है तथा अन्य विभागों/कार्यालयों से सेवा-स्थानांतरण के माध्यम से और बोर्ड कार्यालय के सुचारू संचालन हेतु उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड में सेवा स्थानान्तरण के आधार परतैनात मिनिस्ट्रीयल संवर्गीय के सीधी भर्ती के पद (03 कनिष्ठ सहायक) कार्मिकों के समायोजन हेतु उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड में मिनिस्ट्रीयल संवर्गीय पदों पर संविलयन नियमावली 2024 को प्रख्यापित किया जाने तथा विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाअवधि 65 वर्ष किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

Topics: uttarakhand newsउत्तराखंड समाचारउत्तराखंड कैबिनेट का फैसलामहासू देवता धामUttarakhand Cabinet's decisionMahasu Devta Dham
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