कुवैत के मंगाफ शहर में हुई आग की घटना में 45 भारतीयों की मौत हुई है, जिनके शवों को वापस लाने के लिए भारत सरकार ने भारतीय वायुसेना के सी-130 जे सुपर हरक्युलिस विमान को भेजा है। उम्मीद है कि आज उन सभी के शवों को वापस लाया जा सकेगा। कुवैत सिटी में हुए इस भीषण अग्निकांड में मारे गए अधिकतर लोग केरल के रहने वाले हैं।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि बुधवार की सुबह कुवैत सिटी में एक बिल्डिंग में भीषण आग लग गई, जिसकी चपेट में आने से 44 भारतीय कामगारों की मौत हो गई थी, जबकि 30 भारतीयों समेत 50 लोग बुरी तरह से घायल बताए गए थे। घायलों का इलाज अल सदन अस्पताल में किया जा रहा है। इस बीच कुवैत के भारतीय उच्चायुक्त भारतीय स्वैका ने इसकी पुष्टि करने के साथ ही उस अस्पताल का भी दौरा किया।
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उन्होंने घायल श्रमिकों से मुलाकात की औऱ उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मारे गए लोगों में से अधिकतर केरल से थे। अस्पताल के अधिकारियों का कहना था कि सभी मजदूरों की हालत फिलहाल स्थिर है। अस्पताल के अधिकारियों ने इस बात की भी पुष्टि की कि 6 मजदूरों को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है।
कुवैत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल पता चला है कि कुवैत सिटी की जिस बिल्डिंग में आग लगी है, उसमें करीब 200 विदेशी कामगार रह रहे थे। इमारत में सुबह-सुबह आग लगी थी। आग की ये घटना कुवैत सिटी के दक्षिण में स्थित मंगाफ इलाके की है। बताया जाता है कि यह इलाका प्रवासी मज़दूरों की घनी आबादी वाला है। बता दें कि तेल के लिए प्रसिद्ध कुवैत में बड़ी संख्या में दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया से कामगार आकर रह रहे हैं।
मृतकों को 2 लाख रुपए देगी केंद्र सरकार
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत में मारे गए लोगों को लेकर इमरजेंसी मीटिंग की थी। उन्होंने भारतीय नागरिकों के परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया था। विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा था कि वो राहत उपायों की निगरानी करने और मारे गए लोगों के पार्थिव शरीर को शीघ्र वापस लाने के लिए तत्काल कुवैत की यात्रा पर जा रहे हैं।
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