गर्भावस्था में योग करना गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। इससे डिलीवरी के समय अधिक तकलीफ नहीं होती है। वहीं, जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पेट, कमर और रीढ़ की हड्डी में दर्द रहता है। वजन अधिक बढ़ता है। वो योग करके इन सभी समस्याओं से बच सकती हैं। योग मानसिक रूप से शांत रहने में मदद करता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कुछ सरल आसन जरूर करने चाहिए। इसमें सुखासन, बालासन और वृक्षासन मुख्य हैं।
सुखासन करने की विधि
सुखासन सबसे सरल योगासनों में से एक है। इसे सरल आसन भी कहते हैं। इसे करने से घुटनों और टखने में खिंचाव आता है। पीठ को मजबूती मिलती है। सुखासन का अभ्यास थकान, स्ट्रेस, टेंशन, एंग्जाइटी और डिप्रेशन को दूर करता है। इस आसन को करने के लिए मैट पर पैरों को फैलाकर बैठ जाएं। पीठ को सीधा रखें। अब दोनों पैरों को क्रॉस करते हुए घुटनों से भीतर की तरफ मोड़ें और पालथी मारकर बैठ जाएं। कमर और गर्दन को बिल्कुल सीधा रखें। आंखें बंद करके गहरी सांस लें और 10 मिनट तक इसी अवस्था में बैठें रहे।
बालासन करने की विधि
बालासन आसान करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाएं। घुटनों के बीच थोड़ी दूरी बनाकर रखें। फिर कमर को आगे मोड़ें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए माथे को जमीन पर रखें और हाथ जमीन पर आगे की तरफ जाने दें। इस अवस्था में आप 5 मिनट तक गहरी सांस लें। यह योगासन मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करता है। साथ ही शरीर को रिलैक्स भी करता है, जिससे तनाव कम किया जा सकता है।
वृक्षासन करने की विधि
वृक्षासन मानसिक शांति और शारीरिक संतुलन बढ़ाने के लिए जरूरी है। इसे करने के लिए सबसे पहले सांस भरते हुए हाथों को ऊपर उठाएं। फिर हथेलियों को आपस में मिलाकर नमस्कार मुद्रा बनाएं। इस आसन में 10 सेकेंड तक रहें, फिर सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाएं। अगले चरण में बाएं पैर को दाहिने जांघ पर रखते हुए इस मुद्रा का अभ्यास करें। इस तरह इस योगासन को आप 10 से 15 मिनट तक कर सकते हैं।
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