वैंकूवर में रैली खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस की तरफ से आयोजित की गई थी। भारत की मोदी सरकार कनाडा सरकार को उनके देश में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के बढ़ने और त्रूदो सरकार के मूक बैठे रहने को लेकर अपना कड़ा विरोध दर्ज करा चुकी है। खुद त्रूदो की पार्टी की सांसद अनीता आनंद भी रैली को लेकर नाराज हैं। अपनी एक पोस्ट में आनंद लिखती हैं, ”प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इस प्रकार के हिंसक दृश्य से दर्शाया जाना चिंता पैदा करता है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
हिंसक खालिस्तानी तत्वों का समर्थन करके भारत से राजनयिक रिश्ते खराब कर बैठी कनाडा सरकार की असलियत संसद में ही उजागर हो चुकी है। खासकर उस देश में खालिस्तानियों द्वारा ऑपरेशन ब्लू स्टार के 40 साल होने पर उसकी बरसी मनाते हुए बड़े गर्व से भारत की प्रधानमंत्री स्वर्गीया इंदिरा गांधी की हत्या का दृश्य दर्शाने वाली झांकी निकालने के बाद कनाडा सरकार आक्रोश के निशाने पर है। वहीं के अनेक सांसद इस हरकत के विरोध में आगे आए हैं और सरकार से ऐसे तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है।
इसमें संदेह नहीं है कि कनाडा की त्रूदो सरकार खालिस्तान समर्थकों के प्रति नरम रही है। उन्हें उनकी मनमानी करने की जैसे खुली छूट दी जा चुकी है। दो दिन पहले पंजाब में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार को 40 साल पूरे हुए। उसकी बरसी मनाते हुए खालिस्तानियों ने वहां एक रैली निकाली जिसमें भारत की स्वर्गीया प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के दृश्य को गर्व के साथ दर्शाया गया। इंदिरा जी की हत्या पर ऐसी झांकी निकालने को लेकर त्रूदो सरकार गुस्से के केन्द्र में है। वहां के अनेक सांसदों ने सरकार से मांग की है कि खालिस्तानियों की यह हरकत बर्दाश्त से बाहर है, अब इस पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस मामले पर लीपापोती के अंदाज में की गई कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक की टिप्पणी भी लोगों के गले नहीं उतर रही है। उन्होंने रैली के संदर्भ में कहा, ”वैंकूवर में भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाने वाली झांकी निकालने के समाचार मिले हैं। हम बता दें कि कनाडा में हिंसा को बढ़ावा देने की गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।”
कनाडा की संसद में वरिष्ठ हिन्दू सांसद चंद्र आर्य इस रैली को लेकर काफी आक्रोश में हैं। उन्होंने घटना की भर्त्सना करते हुए कहा है कि वैंकूवर में खालिस्तानियों द्वारा हिंदुओं, भारतीय पीएम इंदिरा गांधी को गोलियों से छलनी करते हुूए दिखाया जाना से कनाडा में बसे हिन्दुओं में डर पैदा करने की साजिश जैसी है। चंद्र आर्य का कहना है कि यह घटना कनाडा के हिंदुओं को धमकाने की कोशिशों में से एक ही है। खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू अनेक अवसरों पर हिंदुओं को कनाडा से भारत लौट जाने की धमकी देता रहा है।
सांसद आर्य इतने आक्रोश में हैं कि उन्होंने कनाडा के प्रशासन से रैली निकालने वाले खालिस्तानी तत्वों के विरुद्ध फौरन कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने साफ कहा है कि अगर इस हरकत पर चुप बैठे रहे तो हिन्दुओं के प्रति सच में कोई हिंसक कार्रवाई हो सकती है। इंदिरा गांधी के सिर पर गोली का निशान दिखाना एक प्रकार से कनाडा में हिंदुओं में खौफ जगाना ही है।
1984 में भारत के पंजाब प्रांत में चलाया गया था आपरेशन ब्लू स्टार सैन्य अभियान। इसका मकसद अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से खालिस्तानी उग्रपंथी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले को निकाल बाहर करना था।
यहां बता दें कि वैंकूवर में वह रैली खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस की तरफ से आयोजित की गई थी। भारत की मोदी सरकार कनाडा सरकार को उनके देश में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के बढ़ने और त्रूदो सरकार के मूक बैठे रहने को लेकर अपना कड़ा विरोध दर्ज करा चुकी है। खुद त्रूदो की पार्टी की सांसद अनीता आनंद भी रैली को लेकर नाराज हैं। अपनी एक पोस्ट में आनंद लिखती हैं, ”प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इस प्रकार के हिंसक दृश्य से दर्शाया जाना चिंता पैदा करता है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। ऐसी हरकतें नफरत तथा हिंसा को बढ़ावा देने वाली हैं।”
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