पंजाब में केवल अमृतपाल सिंह ने ही नहीं बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह ने भी चुनाव जीत कर सबको चौंका दिया है। फरीदकोट सीट से आजाद उम्मीदवार सरबजीत सिंह खालसा ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार करमजीत अनमोल को बड़े अंतर से हरा दिया है। सरबजीत सिंह खालसा ने पहले रुझान से लेकर अंतिम रुझान तक लीड पर रहकर करमजीत अनमोल को पछाड़ा। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि सरबजीत सिंह खालसा कौन हैं?
सरबजीत सिंह खालसा ने साल 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मुद्दा उठाया था। दरअसल, फरीदकोट 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटना जिले के गांव बरगाड़ी में हुई थी। सरबजीत सिंह खालसा ने फरीदकोट से चुनाव लड़ने का फैसला इसलिए किया क्योंकि वह 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान का मुद्दा उठाना चाहते हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि पहले चुनाव लड़ने की कोई योजना नहीं थी लेकिन सिख संगत मेरे पास आई और मुझसे चुनाव लड़ने के लिए कहा। लोग मुझे और मेरे परिवार को 1984 से जानते हैं और सिख समुदाय में शहीद (कट्टरपंथी लोग इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह को शहीद बताते हैं) का दर्जा एक मशहूर हस्ती से कहीं ऊंचा है। वहीं किसानों द्वारा भी भरपूर समर्थन मिला।
सरबजीत ने कहा कि जब गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान का मामला सामने आया, तब पंजाब में शिरोमणि अकाली दल की सरकार थी। पिछले साल दिसंबर में अपने कार्यकाल के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार करने में विफल रहने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी। सरबजीत का कहना है कि फरीदकोट में नशाखोरी, बेरोजगारी और खराब शिक्षा सुविधाओं सहित कई अन्य मुद्दे हैं, जिन्हें सरकार ने नजरअंदाज कर दिया है, जिसे आगे होकर उठाया जाएगा।
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