चीन परस्त मालदीव सरकार के जनवरी 2024 के बाद से जारी भारत विरोधी रवैए की भारत के मित्र देश इस्राएल ने भर्त्सना की है। भारत के नागरिकों ने अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति भद्दी टिप्पणी करने वाली मालदीव की सरकार और उस देश को अपनी पर्यटन स्थल सूची से ऐसा काटा है कि उसकी अर्थव्यवस्था घुटनों पर आ गई है। ऐसे में इस्राएल का भी अपने नागरिकों से घूमने के लिए मालदीव का बहिष्कार करने का आह्वान करना मुइज्जू सरकार के लिए भारी पड़ने वाला है।
नई दिल्ली स्थित इस्राएल दूतावास ने अपने मित्र देश भारत के साथ खड़े होते हुए अपने नागरिकों से कहा कि ‘आप लोगों को मालदीव की बजाय भारत के अनूठे सागरतट देखने जाना चाहिए।’ दूतावास ने कहा है कि भारत के सुंदर सागरतट आपके स्वागत को बेताब हैं। इस अपील के साथ साथ इस्राएल के दूतावास ने भारत के कुछ शानदार सागरतटीय पर्यटन स्थलों की फोटो भी दर्शाते हुए एक विशेष विज्ञप्ति जारी की।
इस्राएल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि इस्राएल के नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे मालदीव की यात्रा करने से बचें। दूसरे देशों के जो लोग इस वक्त मालदीव में हैं, उनको भी इस बारे में सोचने की जरूरत है। इस्राएल की यह कड़ी टिप्पणी बताती है कि मुइज्जू सरकार की हेकड़ी के आगे कोई भी देश झुकने को तैयार नहीं है। उसके साथ चीन भले खड़ा हो, लेकिन द्विपक्षीय संबंधों में जब तक एक दूसरे के लिए आदर और सम्मान की भावना नहीं होगी तब तक संबंध सहज नहीं हो सकते।
इससे पूर्व मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के दफ्तर ने अपनी ओर से इस्राएल के लोगों के अपने देश में आने पर रोक लगा दी थी। मालदीव सरकार की इस हरकत पर टिप्पणी करते हुए इस्राएल दूतावास ने अपने लोगों के लिए उक्त हिदायत जारी की है। इस्राएली दूतावास का अपने नागरिकों से मालदीव जाने का बहिष्कार करने को कहना बहुत मायने रखता है। इस बारे में सोशल मीडिया पर इस्राएली दूतावास ने एक पोस्ट भी जारी की है। उसी में उसने भारत के प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर अपने सागरतटीय स्थलों की बाकायदा एक सूची भी चस्पा की है।
इस्राएल के नई दिल्ली स्थित दूतावास द्वारा ट्वीट करके कहा गया है, ‘मालदीव द्वारा इस्राएल वालों के उस देश में आने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यहां भारत के चुनिंदा लाजवाब व अनूठे सागरतट दिखाए गए हैं, इन जगहों पर इस्राएल के पर्यटकों का दिल से स्वागत किया जाता है, इस्राएलियों का बहुत आदर होता है।’
मालदीव के विरोध में भारत के पर्यटकों ने भारत के ही लक्षद्वीप के सागरतट को अपनी पहली पसंद बनाया है और वहां रिकार्ड संख्या में वे जा रहे हैं। इसी लक्षद्वीप की इस्राएल के दूतावास ने सबसे शानदार समुद्र तट के नाते फोटो जारी की है। इसके अलावा गोवा, अंदमान व निकोबार टापू तथा केरल के कई सागरतट भी दर्शाए गए हैं।
दधर इस्राएल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि इस्राएल के नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे मालदीव की यात्रा करने से बचें। दूसरे देशों के जो लोग इस वक्त मालदीव में हैं, उनको भी इस बारे में सोचने की जरूरत है। इस्राएल की यह कड़ी टिप्पणी बताती है कि मुइज्जू सरकार की हेकड़ी के आगे कोई भी देश झुकने को तैयार नहीं है। उसके साथ चीन भले खड़ा हो, लेकिन द्विपक्षीय संबंधों में जब तक एक दूसरे के लिए आदर और सम्मान की भावना नहीं होगी तब तक संबंध सहज नहीं हो सकते।
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