स्वाति मालीवाल के मामले को लेकर अरविन्द केजरीवाल की पार्टी अर्थात “AAP” अब नीचता के स्तर पर उतर आई है। उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं ने स्वाति मालीवाल के कपड़ों को लेकर ट्वीट किया। तो वहीं अब स्वाति मालीवाल ने यह आरोप लगाया है कि उनके बारे में लोग अनाप-शनाप बोल रहे हैं। स्वाति मालीवाल की सहयोगी रही वंदना सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा “मंत्री सौरभ जी, स्वाति जी की फोटो Zoom करके कह रहे हो बटन थे ही नहीं…
लीजिए एक और फोटो उसी कपड़े में, शायद इसमें आपको बटन बंद दिख जाएँ। वैसे औरतों के कपड़े और बटन से ध्यान हटायें और काम पे लगायें। आपसे इस लेवल तक गिरने की उम्मीद नहीं की थी..! #SwatiMaliwal
स्वाति मालीवाल के खिलाफ पोस्ट किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर मिला जवाब
सबसे दुर्भाग्यपूर्ण यह तथ्य है कि स्वाति मालीवाल के कपड़ों पर बटन खोजने वाली पोस्ट को और किसी ने नहीं बल्कि मंत्री सौरभ भारद्वाज ने साझा किया था। क्या अब आम आदमी पार्टी के मंत्री महिलाओं के कपड़ों के बटन भी देखेंगे? क्या अब उनका ध्यान इस बात पर रहेगा कि लड़की ने कैसे कपड़े पहने हुए हैं? आप का मेहता नामक यूजर से यह पोस्ट बनाई गई थी, जिसमें उसने दो तस्वीरें साझा की थीं। एक में स्वाति मालीवाल मुख्यमंत्री के आवास से निकल रही हैं तो वहीं दूसरी तस्वीर में वे वही ड्रेस पहने कहीं और बैठी हैं। अब इसमें यूजर द्वारा यह कहा गया है कि स्वाति ने एफआईआर में अपनी शर्ट के बटन की बात की है, और जबकि दूसरी पुरानी तस्वीर में, उसी ड्रेस में, कोई बटन नहीं है। और इसी बटन वाले पोस्ट को मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दोबारा पोस्ट किया और लिखा कि ये तथ्य स्वाति की पोल खोलते हैं।
यह अत्यंत स्तब्ध करने वाली घटना है कि मंत्री के स्तर का व्यक्ति किसी महिला के ड्रेस के बटन आदि पर बात कर रहा है। यह भी क्षोभ से भरने वाली बात है कि अपनी ही साथी रही महिला के इस प्रकार चरित्र हनन पर मंत्री स्तर के नेता उतर आए हैं और उनका एकमात्र कार्य केवल यही रह गया है कि वे उस महिला के कुर्ते के बटन आदि गिनें, जिस महिला ने पुलिस में यह शिकायत दर्ज कराई है कि मुख्यमंत्री के पीए ने उसके साथ मारपीट की। जो लोग पहले उनके संघर्ष को लेकर उनकी तारीफ करते थे, अब उन्हें स्वाति मालीवाल ऐसी महिला लग रही हैं, जो नौटंकी करती हैं और जिसके कारण ऐसी महिलाओं पर लोग विश्वास नहीं करेंगे, जिनके साथ वास्तव मे
उत्पीड़न हुआ है।
तो क्या हर स्तर पर यह कहने का प्रयास हो रहा है कि स्वाति झूठ बोल रही हैं? यह कहा जा रहा है कि अगर चोट लगी थी तो वह आराम से कैसे चल रही थी? यह बात पूरी तरह से सत्य है कि मांसपेशियों की चोट का असर सामने आने में कभी कभी एक दिन तक लग जाता है।
एक और बात स्वाति मालीवाल के मारपीट वाले मामले में उल्लेखनीय है कि स्वाति मालीवाल के समर्थन में अभी तक एक भी कम्युनिस्ट फेमनिस्ट नहीं आई है। यहाँ तक कि वह जिन पहलवानों के समर्थन में हर समय खड़ी रही थीं, वे भी उनके साथ के लिए नहीं आई हैं।
अब तो स्वाति मालीवाल के रिश्तेदारों की गाड़ियों के भी नंबर से डिटेल सोशल मीडिया पर पोस्ट करके उनकी जान को खतरे मे डाल रहे हैं। स्वाति मालीवाल ने एक्स पर पोस्ट लिखकर यह आरोप लगाया कि “पार्टी के सभी लोगों को फ़ोन करके बोला जा रहा है स्वाति की कोई पर्सनल वीडियो है तो भेजो, लीक करनी है। मेरे रिश्तेदारों की गाड़ियों के नंबर से उनकी details ट्वीट करवाकर उनकी जान ख़तरे में डाल रहे हैं। ये हरकतें देखकर लोगों को लगता तो होगा कि “ये कहाँ आ गए हैं आप?” या फिर शायद नहीं लगता होगा, क्या लोगों को यह समझ में आ गया है कि यह कितनी महिला विरोधी पार्टी है? स्वाति की ही वाल पर एक महिला आप समर्थक का पोस्ट है, जिसमें उस महिला ने लिखा है कि स्वाति पर प्रश्न उठ रहे हैं कि जब अरविन्द केजरीवाल की गिरफ़्तारी हुई थी, तब स्वाति दिल्ली मे नहीं थी। मगर यदि स्वाति ने अरविन्द केजरीवाल के समर्थन में यदि धारणा प्रदर्शन किया होता, जब अरविन्द केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था, तो क्या उसके खिलाफ यह नफरत भरा अभियान नहीं चल रहा होता, जब उसके साथ ऐसी ही मारपीट हुई होती?
सवाल इस पूरे मामले में मात्र यही है कि कितना नीचे गिरेंगे “आप?” क्योंकि आम आदमी पार्टी में महिला को अपनी जागीर मानकर ही व्यवहार किया जाता है, जैसा कि कई लोगों ने पहले भी कहा था कि “ये हमारा आपस का मामला है!” आपस का मामला कैसे हो सकता है? आपस का मामला क्या कुर्ते के बटन तक जाता है? घरों की स्त्रियों का तो सम्मान किया जाता है। उनके साथ मारपीट करके यह नहीं कहा जाता कि अगर मारपीट हुई थी कि तो सही से क्यों चल रही थी? कपड़ों के बटन थे या नहीं? आदि आदि! और जब ऐसे प्रश्न अपनी ही महिलाओं के विषय मे सार्वजनिक रूप से किये जाते हैं तो यही प्रश्न उठता है कि “कितना नीचे और गिरेंगे “आप?”
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