मदरसों में इस्लामिक कट्टरता की ट्रेनिंग के कई सारे मामले आपने सुने होंगे। लेकिन, अब इन मदरसों में बम भी बनाए जाने लगे हैं। ऐसी ही एक घटना पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो अपनी टीम के साथ बिहार के सारण स्थित एक अवैध मदरसे का निरीक्षण करने पहुंचे।
इस बात की जानकारी देते हुए एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर कहा, “बिहार के सारण (छपरा) के मोतीराजपुर गाँव में अवैध ढंग से चल रहे मदरसा दारूल उलूम बरकतिया रिजविया गुलशन ए बग़दाद में बम बनाते समय धमाका हो गया जिसमें मुज़फ़्फ़रपुर से वहाँ ला कर रखे गए एक बच्चे को गम्भीर चोटें आयीं हैं उसका ऑपरेशन हुआ है वो पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती है वहाँ बालक व उसके पिता से भेंट की।
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बम बना रहे अथवा बच्चों को बम बनाना सिखा रहे (तथ्य पुलिस जाँच के अधीन) मौलाना इमामउद्दिन की मौत हो गयी, मदरसे
दो मौलाना और थे जो कि फ़रार हैं मदरसे का सदर भी फ़रार है,मदरसा अवैध है सरकार के पास उसका कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। हमको वहाँ क्रूड बम बनाने में इस्तेमाल करने के लिए रखे हुए एक पोलीथीन में बंद बंदूक़ वाले छर्रे व नुकीली सुइयाँ मिलीं हैं,पुलिस को ज़ब्ती बनाने के लिए निर्देशित किया है। पुलिस ने बच्चे को आरोपी बना लिया है जो कि प्रथम दृष्टया अतिशयोक्तिपूर्ण प्रतीत होता है क्यूँकि बच्चे तो मदरसे में दीनी तालीम के लिए दाखिल थे। ऐसे में मदरसे वाले मौलवी यदि बच्चों से बम बनवाए तो विधि के अनुसार मदरसा संचालकों पर कार्यवाही होनी चाहिए।
कुछ धार्मिक झंडे व साहित्य भी मिला है कट्टरपंथी गतिविधियों के अलावा चूँकि यहाँ चुनाव भी चल रहा है। इसलिए बच्चों का इस्तेमाल कर बनाए गए बम का उपयोग चुनाव को प्रभावित करने के लिए किए जाने की सम्भावना पर भी जाँच करने के निर्देश दिए हैं। बच्चे के समुचित इलाज व पुनर्वास व मुआवज़े के निर्देश भी दिए गए हैं।”
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