सरकारी नौकरी करने वाले जब सेवानिवृत्त होते हैं तो सरकार उन्हें उनके जीवन भर की जमा पूंजी वापस करती है। आप जरा सोचिए अगर वही जमा पूंजी किसी ठग के द्वारा उड़ा ली जाए तो आपके ऊपर क्या बीतेगी? ऑनलाइन फ्रॉड जैसी घटनाएं तो आए दिन अखबारों में छपती हैं , लेकिन अब एटीएम मशीन के बाहर खड़े होकर धोखे से आपके कार्ड की अदला बदली कर आपके खाते से पैसे उड़ा देने वाली घटनाएं अचानक बढ़ने लगी हैं। ऐसा ही मामला झारखंड के रामगढ़ में देखने को मिला है। यहां 65 वर्षीय एक बुजुर्ग के कार्ड को बदलकर उनके खाते से 8 लाख 77 हजार रुपये की निकासी कर ली गई। मामला साइबर थाने में दर्ज करवा दिया गया है।
कैसे हुई पूरी घटना
अमरेंद्र पांडेय 5 वर्ष पूर्व राजस्व कर्मचारी के पद से सेवानिवृत हुए थे। रामगढ़ के पारसौतिया में अपने परिवार के साथ रहते हैं। बीते 2 मई को वे अपने घर से कुछ दूरी पर ही स्थित एसबीआई के एटीएम से पैसा निकालने गये थे। यहां एटीएम से उन्होंने 10 हजार रुपये निकाले। रुपये निकालने के बाद जब वे एटीएम से अपना कार्ड निकालने लगे तो वह नहीं निकला। उन्होंने काफी कोशिश की इसके बावजूद कार्ड नहीं निकाल पाए। इस दौरान एटीएम के बाहर दो युवक खड़े थे। उन्होंने परेशान बुजुर्ग से कहा कि मशीन पर टॉल फ्री नंबर 7461091808 लिखा है, उनसे संपर्क करें। श्री पांडेय ने उस नंबर पर फोन किया तो जवाब मिला कि वे जल्द आकर उनका कार्ड निकाल देंगे। काफी देर तक युवक नहीं आया तो फिर संपर्क करने पर कहा गया कि केनरा बैंक के पास राहुल नाम का एक युवक है,उसे जाकर ले आयें। वे कैनरा बैंक के पास गये, लेकिन वहां पर राहुल नाम का कोई व्यक्ति नहीं था। वापस आये तो देखा कि वहां कार्ड पहले की तरह फंसा हुआ था, लेकिन वह दोनों लड़के गायब थे। किसी व्यक्ति की मदद से उन्होंने अपना कार्ड निकलवाया और घर चले गए। फंसा कार्ड भी एसबीआई का था इसलिए श्री पांडेय को शक नहीं हुआ। इसके बाद 8 मई को जब अमरेंद्र पांडेय दुबारा पैसे निकालने गए तो पता चला कि यह कार्ड उनका नहीं है। इसके बाद उन्होंने अपने बैंक में संपर्क किया तो उनके होश उड़ गए क्योंकि उनके खाते से 8 लाख 77 हजार रु की निकासी हो चुकी थी। इसकी जानकारी मिलते ही वह हताश हो गए। बैंक वालों ने बताया कि वे तुरंत थाने में मामला दर्ज करें। इस मामले को लेकर साइबर थाने में मामला दर्ज किया गया है।
इसमें आश्चर्य की बात यह है कि दो से पांच मई के बीच 39 बार में आठ लाख 77 हजार की खरीदारी की गई है लेकिन एक बार भी एसबीआई की तरफ से पैसे निकासी का संदेश नहीं आया। धोखाधड़ी करने वाले अपराधियों ने पांच लाख से अधिक के गहने रामगढ़, कोडरमा, हजारीबाग के ज्वेलरी दुकान से खरीदे हैं। कई बार एटीएम में जाकर पैसे निकाले गए।
इस तरह की घटना पहले भी बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में कई जगह देखने को मिलती रही है। साइबर थाना की ओर से कई बार कार्रवाई की खबरें भी आती रहती हैं लेकिन जिन लोगों के पैसे चले जाते हैं उनके पैसे वापस होने की उम्मीद ना के बराबर रहती है। हालांकि इस मामले में ठग ने कई दुकानों और एटीएम में जाकर पैसे और आभूषण का लेनदेन किया है। पुलिस अगर चाहे तो अपराधियों तक पहुंच सकती है लेकिन यह प्रशासन की इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है कि वह इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है।
उक्त पूरे घटनाक्रम में बैंक की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है। पहली लापरवाही तो यह है कि हर वर्ष बैंक के ग्राहकों से निकासी के लेनदेन का संदेश भेजने के नाम पर पैसे वसूले जाते हैं, इसके बावजूद ग्राहकों को संदेश नहीं मिल पाता है। दूसरी लापरवाही एटीएम के बाहर किसी भी गार्ड का मौजूद न होना कहा जा सकता है। अगर एटीएम मशीन के पास एक गार्ड मौजूद होता तो शायद उनके कार्ड को बदलने की हिम्मत कोई ठग नहीं कर पाता।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
टिप्पणियाँ