जर्मनी में स्कूली छात्र डर के कारण अपना रहे हैं इस्लाम: अध्ययन ने चेताया
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

जर्मनी में स्कूली छात्र डर के कारण अपना रहे हैं इस्लाम: अध्ययन ने चेताया

जर्मनी की एक पत्रिका के अनुसार जर्मनी मे ईसाई विद्यार्थी डर के कारण इस्लाम कुबूल कर रहे हैं।

by सोनाली मिश्रा
May 6, 2024, 11:28 am IST
in विश्व
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जर्मनी की एक पत्रिका के अनुसार जर्मनी मे ईसाई विद्यार्थी डर के कारण इस्लाम कुबूल कर रहे हैं। bild के अनुसार अधिकांश मुस्लिम बच्चे यह मानते हैं कि कुरान के नियम जर्मनी के नियमों से अधिक महत्वपूर्ण हैं। इस वेबसाइट के अनुसार लोअर सैक्सोनी के क्रिमिनोलॉजीकल रीसर्च इंस्टीट्यूट ने एक सर्वे मे बताया कि लगभग 67.8 प्रतिशत मुस्लिम बच्चों का यह मानना है कि “इस्लाम के कानून जर्मनी के कानूनों से बढ़कर हैं।“ आधे के लगभग अर्थात 45.8 प्रतिशत लोगों का यह मानना है कि इस्लामी शासन ही सरकार का सबसे बेहतर रूप होता है।

https://twitter.com/PovoasFafa/status/1784598856816116132?

सबसे चौंकाने वाले समाचार स्कूलों से आ रहे हैं, जहां पर ईसाई अभिभावक अपने बच्चों को काउंसलिंग सेंटर मे लेकर जा रहे हैं, क्योंकि ईसाई बच्चे इसलिए इस्लाम मे जाना चाहते हैं, जिससे कि उन्हें बाहरी न माना जाए।

गौरतलब है कि जर्मनी मे काफी संख्या मे सीरिया, अफगानिस्तान और ईराक आदि ऐसे देशों से शरणार्थी आ रहे हैं, जिनके मजहबी यकीन ईसाई यकीन से एकदम अलग हैं और वे लोग उग्र होते हैं, लड़कियों को लेकर उनके विचार और दृष्टिकोण एकदम अलग होता है। पिछले दिनों जर्मनी में ही एक शहर से खिलाफत की आवाज उठी थी।

इस वेबसाइट के अनुसार स्कूलों मे मुस्लिम विद्यार्थियों की संख्या पिछले कई वर्षों में तेजी से बढ़ी है और ईसाई बच्चे मुख्यत: बड़े शहरों मे अल्पसंख्यक हो गए हैं। जर्मनी मे पिछले आठ वर्षों से जो मुस्लिम देशों से शरणार्थी आ रहे हैं, उसके कारण बच्चों और युवाओं की संख्या मे तेजी से वृद्धि हुई है और इसके साथ ही बच्चे कट्टर मजहबी परिवारों से आते हैं।

सीरिया, अफगानिस्तान और ईराक से ये हुए लोग ऐसे परिवारों से आते हैं जो कुरान के ही कानूनों का पालन करते हैं।“ स्टेट सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि “जब मुस्लिम लड़कों को स्कूल मे ऐसा लगता है कि लड़कियां बहुत पश्चिमी हो गई हैं, हिजाब नहीं पहनती हैं या फिर लड़कों से मिलती हैं, तो लड़कों को ऐसा लगता है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए और वे लड़कियों को सच्ची मुस्लिम की तरह व्यवहार करने के लिए चेतावनी देते हैं” और साथ ही दोस्तों का दबाव भी होता है, जिनके साथ आप दिखना चाहते हैं।

ऐसे मे प्रश्न यह उठता है कि क्या वास्तव मे जर्मनी जैसे देश मे शहरों मे मुस्लिम बच्चों की संख्या इतनी हो गई है कि वे साथी ईसाई बच्चों को नियंत्रित ही नहीं कर रहे हैं बल्कि इस्लाम मे आने का दबाव भी डाल रहे हैं। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि मुस्लिम छात्र इसे लेकर बहुत बहुत उग्र हो जाते हैं कि लड़कियां कुरान के ही अनुसार चलें और इसके कारण स्कूल मे समानांतर सोसाइटी उभर रही हैं, जिनमें मुस्लिम विद्यार्थी समूहों का दबदबा है।

डेलीमेल के अनुसार नए अध्ययन मे शोधकर्ताओं ने लोअर सैक्सनी मे 308 मुस्लिम विद्यार्थियों से यह पूछा कि मजहब और सरकार के बारे मे वे क्या सोचते हैं? आधे से अधिक 51.5 प्रतिशत बच्चों ने कहा कि इस्लाम हमारे समय की समस्याओं का हल निकालने मे सक्षम है। वहीं 36.5 प्रतिशत बच्चों का यह कहना था कि जर्मनी के समाज को इस्लामिक कानूनों के अनुसार बनना चाहिए। जब उनसे गैर मुस्लिमों पर हिंसा के बारे मे प्रश्न किए गए तो बहुत ही चौंकाने वाले उत्तर मिले। एक तिहाई लगभग 35.3 प्रतिशत बच्चों ने कहा कि वे उन लोगों के खिलाफ हिंसा को समझ सकते हैं, जिन्होनें अल्लाह या इस्लाम के पैगंबर का अपमान किया है। वहीं 21.2 प्रतिशत बच्चों ने कहा दरअसल पश्चिम से इस्लाम को जो खतरा है उसके कारण मुस्लिम अपने आपको हिंसक तरीके से बचाते हैं।

इस अध्ययन को करने वाले कार्ल फिलिप श्रोडर ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुस्लिम विद्यार्थी केवल खिलाफत को ही समाधान नहीं मानते हैं, बल्कि वे यह भी मानते हैं कि मुस्लिम विद्यार्थी खास हैं और ईसाई आदि, गैर मुस्लिम विद्यार्थी बेकार हैं। यही कारण है कि गैर-मुस्लिम विद्यार्थी जैसे ईसाई विद्यार्थी उनके साथ घुलने-मिलने के लिए इस्लाम अपना रहे हैं।

इसे लेकर राजनीतिक दलों की भी प्रतिक्रिया आई है। क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन की नेता कैरीन प्रीन ने भी बिल्ड से बात करते हुए कहा कि जर्मन स्कूलों मे जो इस्लामिक तहजीब आ रही है उसके लिए मुस्लिम समुदाय के परिवार काफी हद तक जिम्मेदार हैं। उन्होनें यह भी कहा कि टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की भूमिका की भी जांच इस्लामिस्ट और चरमपंथी कंटेन्ट फैलाने के मामले मे होनी चाहिए।

विशेषज्ञ इस घटना को बच्चों के दिमाग मे जहर भरने जैसी घटना बता रहे हैं।
बिल्ड के ही एक और समाचार के अनुसार इब्राहीम अल अजाजी और अबुल बरारा जैसे कट्टरपंथी इंफ्लुएंसर्स इस्लामिस्ट समूहों के नायक बनकर उभर रहे हैं और वह जर्मन बोलने वाले देशों मे छोटे-छोटे वीडियो सहित लाखों की संख्या मे लोगों तक अपनी बातों को पहुंचा रहे हैं।

Topics: Muslims In GermanyGermany MuslimsChristian Students#islamChristian Students Converted In IslamMuslimsजर्मनी में मुसलमानइस्लामईसाई छात्रईसाईईसाई छात्र इस्लाम में परिवर्तितgermanychristianमुसलमानजर्मनी
Share12TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

इस्राएल सेना चैट जीपीटी जैसा एक टूल भी बना रही है जिससे फिलिस्तीन से मिले ढेरों डाटा को समझा जा सके

‘खुफिया विभाग से जुड़े सब सीखें अरबी, समझें कुरान!’ Israel सरकार के इस फैसले के अर्थ क्या?

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

DU के सिलेबस में बदलाव

DU के सिलेबस में बदलाव: अब पढ़ाया जाएगा सिखों की शहादत, हटाए गए इस्लाम-चीन-पाक चैप्टर

झांगुर बाबा जाति के आधार पर लड़कियों को बनाता था निशाना, इस्लामिक कन्वर्जन के लिए देता था मोटी रकम

आरोपी लड़का इस पूरे मामले को अपने मोबाइल से रिकार्ड करता रहा

‘The Kerala Story’ : हिन्दू लड़की को अगवा किया, छुड़ाने गए पुलिस अफसरों को ही धमकाता रहा SDPI का मजहबी उन्मादी

12 Mslum Adopted sanatan dharma

लखनऊ में 12 मुस्लिमों ने इस्लाम त्याग की घर वापसी, अपनाया सनातन धर्म

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Uttarakhand Amit Shah

उत्तराखंड: अमित शाह के दौरे के साथ 1 लाख करोड़ की ग्राउंडिंग सेरेमनी, औद्योगिक प्रगति को नई दिशा

Shubman Gill

England vs India series 2025: शुभमन गिल की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को झुकाया

मुंबई: ‘सिंदूर ब्रिज’ का हुआ उद्घाटन, ट्रैफिक जाम से मिलेगी बड़ी राहत

ब्रिटेन में मुस्लिमों के लिए वेबसाइट, पुरुषों के लिए चार निकाह की वकालत, वर्जिन बीवी की मांग

Haridwar Guru Purnima

उत्तराखंड: गुरु पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई पावन गंगा में आस्था की डुबकी

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार में 10 बीघा सरकारी जमीन पर बना दी अवैध मजार, हिंदू संगठनों में रोष, जांच के आदेश

Supreme court OBC reservation

केरल की निमिषा प्रिया को यमन में फांसी पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, केंद्र से जवाब तलब

इंदिरा गांधी ने आपातकाल में की थी क्रूरता, संजय गांधी ने जबरन कराई थी नसबंदी: शशि थरूर

इस्राएल सेना चैट जीपीटी जैसा एक टूल भी बना रही है जिससे फिलिस्तीन से मिले ढेरों डाटा को समझा जा सके

‘खुफिया विभाग से जुड़े सब सीखें अरबी, समझें कुरान!’ Israel सरकार के इस फैसले के अर्थ क्या?

रात में भूलकर भी न खाएं ये 5 चीजें, हो सकती हैं गंभीर बीमारियां

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies