पाकिस्तान में आटे की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण, पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) ने भारतीय सिख संगत से अपील की है कि वे पाकिस्तान में गुरुद्वारों के लंगर के लिए आवश्यक आटा साथ लाएं। यह अपील महाराजा रणजीत सिंह की बरसी के अवसर पर आयोजित होने वाले समारोह में भाग लेने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए की गई है।
PSGPC के प्रधान रमेश सिंह अरोड़ा ने कहा कि पाकिस्तान में आटा लगभग 800 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रहा है, जिससे गुरुद्वारों में लंगर के लिए आटे की कमी हो रही है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए, अरोड़ा ने भारतीय जत्थे के प्रत्येक सदस्य से अनुरोध किया है कि वे पाकिस्तान यात्रा के दौरान कम से कम 10 किलो आटा अपने साथ लेकर आएं।
श्री ननकाना साहिब सिख यात्री जत्था के प्रधान स्वर्ण सिंह गिल के अनुसार, भारतीय जत्था दो जून को अटारी सड़क मार्ग के रास्ते पाकिस्तान के लिए रवाना होगा। नौ जून को लाहौर स्थित गुरुद्वारा डेरा साहिब में महाराजा रणजीत सिंह की बरसी के समारोह में भाग लेने के बाद, 11 जून को जत्था स्वदेश लौटेगा।
इस बीच, पाकिस्तान सरकार ने भारतीय जत्थे के प्रत्येक सदस्य से 9,000 रुपये बस किराया वसूलने का निर्णय लिया है। गिल ने कहा कि यह शुल्क अनुचित है और पाकिस्तान सरकार को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को बस किराये में कटौती करने की घोषणा करनी चाहिए ताकि भारतीय श्रद्धालुओं पर अनावश्यक वित्तीय बोझ न पड़े।
यह अपील ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान में महंगाई ने आम जनता के जीवन को कठिन बना दिया है। आटे की बढ़ी हुई कीमतों ने स्थानीय निवासियों के लिए अपने दैनिक जरूरतों को पूरा करना मुश्किल बना दिया है। भारतीय जत्थे से लाए गए आटे से गुरुद्वारों में लंगर के लिए आवश्यक सामग्री की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी।
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