देहरादून: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग लगातार भयावह रूप लेती जा रही है, जिस पर प्रशासन लगातार नियंत्रण पाने की कोशिशें कर रहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड के नए फॉरेस्ट चीफ पीसीसीएफ (हाफ) का कार्यभार ग्रहण कर लिया है। कार्यभार संभालने के तुरंत बाद आईएफएस धनंजय मोहन ने फायर कंट्रोल रूम में जा पहुंचे, जहां उन्होंने वहां पहुंच रही सूचनाओं का आंकलन किया।
इसे भी पढ़ें: अयोध्या में भगवान राम का दर्शन कर बोले उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी-‘यहीं से देश में राम राज्य की गंगा निकली है’
आईएफएस अधिकारी मोहन ने कंट्रोल रूम की कार्य प्रणाली पर नाराजगी जाहिर की और आग की सूचनाओं के बाद की विभागीय कारवाई पर सवाल जवाब किए। फॉरेस्ट चीफ ने आग प्रभावित क्षेत्रों के डीएफओ और अन्य उच्च अधिकारियों के साथ भी कंट्रोल रूम से फोन करके हालात की जानकारी ली।
इसे भी पढ़ें: राहुल गांधी के झूठ पर पाकिस्तानी फवाद चौधरी ने पढ़े कसीदे, नेटिजन्स बोले-‘अब कटोरा वाले क्या समझकर खुश हो रहे हैं’
फॉरेस्ट चीफ मोहन ने सभी डीएफओ को मौके पर जाने की हिदायत देते हुए स्थानीय लोगों के साथ संवाद करने उनसे सहयोग लेने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिना जन सहभागिता के आग पर काबू नहीं पाया जा सकता। उन्हीं कहा कि आग बुझाने वाले ग्रामीणों की प्रशंसा और उन्हे पुरुस्कृत भी करें।
पीसीसीएफ हॉफ ने जंगल में आग लगाने वाले तत्वों पर एफआईआर करने संबंधी जानकारी भी हासिल की, उन्होंने कहा कि ऐसा कृत्य करने वालों के खिलाफ कड़ी कारवाई करें। इस अवसर पर फायर केंद्र के प्रभारी निशांत वर्मा सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाओं के मामले में बीते दिनों कुछ इस्लामिक कट्टरपंथी युवाओं पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही यह भी पता चला है कि जंगलों में आग का मुख्य कारण केवल प्राकृतिक कारण ही नहीं मानवीय कारण भी जिम्मेदार रहे हैं।
टिप्पणियाँ