इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने दिवंगत गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।
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दरअसल, चित्रकूट जनपद की जिला जेल में बंद रहने के दौरान अब्बास अंसारी की बीवी निकहत बानो उससे मिलने जाया करती थी। इस बात की सूचना मिलने पर वहां की तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने छापा मार कर इस मामले का खुलासा किया था। मामले में निकहत बानो समेत अन्य लोगों को अभियुक्त बनाया गया था।
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आज (बुधवार) को न्यायालय में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही एवं अपर शासकीय अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने न्यायालय के सामने अपना पक्ष रखा। अपर महाअधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने न्यायालय में कहा कि अगर अब्बास अंसारी जेल में रहकर अपनी पत्नी निकहत बानो से मिल सकता है तो वह जमानत पर बाहर आने के बाद गवाहों को भी प्रभावित करेगा। इसलिए न्याय हित में आवश्यक होगा कि उसकी जमानत याचिका खारिज की जाए।
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सरकार की ओर से बहस पूर्ण होने के बाद उच्च न्यायालय ने अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी। वर्तमान समय में अब्बास अंसारी कासगंज जेल में बंद है। उल्लेखनीय है कि मनी लांड्रिंग के मामले में अब्बास अंसारी को 18 नवंबर 2022 को प्रयागराज की नैनी जेल से चित्रकूट जनपद की जिला ले जाया गया था। इस मामले में जेल कैंटीन के ठेकेदार, निकहत बानो एवं उसके ड्राइवर आदि को भी अभियुक्त बनाया गया था।
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