कर्णावती । सूरत लोकसभा बैठक पर दो दिन तक चले मेलोड्रामा के बाद आखिरकार कांग्रेस के उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी का नामांकन रद कर दिया गया है। इस बीच अब भाजपा के सामने इस बैठक पर 8 प्रत्याशी बचे है जो अगर नामांकन वापस लेते है तो भाजपा इस बैठक पर निर्विरोध विजेता घोषित होगा। अगर ऐसा होता है तो पूरे देश मे सूरत बैठक पहली निर्विरोध घोषित होगी और अगर इस बैठक पर चुनाव होते है तब भी भाजपा को सूरत बैठक पर सबसे अधिक लिड मिलने कि संभावना है।
कांग्रेस के उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी के फॉर्म में उसके भांजे, बहनोई और बिजनेस पार्टनर के हस्ताक्षर गलत होने की वजह से उसका फॉर्म रविवार दोपहर को रद कर दिया गया। इस घटना में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की गलती भी सामने आई है। उम्मीदवार निलेश कुम्भानी के फॉर्म में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की बजाय उसके संबंधियों ने हस्ताक्षर किए थे यह बात स्थानीय नेताओं की समझ से बाहर रह गई। इस घटना से गुजरात कांग्रेस की इज्जत धूल में मिल गई है। स्थानीय स्तर पर नेता और कार्यकर्ता गुस्से में है और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के सामने कार्यवाही करने की मांग भी कर रहे हैं। इस घटना से कांग्रेस में भूचाल आ गया है। 73 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा की सूरत लोकसभा बैठक पर कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ेगा। साल 1951 से चुनाव आयोजित किये जा रहे हैं और तब से लेकर साल 2019 तक 17 बार लोकसभा चुनाव आयोजित किये जा चुके हैं। 1951 से तमाम लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार रखती आई कांग्रेस पहली बार चुनाव के मैदान से बाहर हो गई है जिसकी वजह से गुजरात कांग्रेस के नेताओं की इज्जत मिट्टी में मिल गई है।
एक तरह से देखा जाए तो कांग्रेस की यह गलती भाजपा के लिए फायदा कारक साबित हुई है। अब भाजपा के उम्मीदवार मुकेश दलाल के सामने निर्दलीय समेत छोटी पार्टी के आठ उम्मीदवार मैदान में है। अगर यह सब उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र वापस ले लेते हैं तो भाजपा इस बैठक पर निर्विरोध विजेता हो जाएगा। सोमवार दोपहर 3:00 बजे तक यह स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। अगर यह आठ उम्मीदवार अपने नामांकन पत्र वापस नहीं लेते हैं तब भी भाजपा को इस बैठक पर रिकॉर्ड मार्जिन से जीतने का मौका मिल गया है क्योंकि जो भी आठ उम्मीदवार इस वक्त मैदान में है उनको ज्यादा वोट मिलने से रहे। इन उम्मीदवारों को 20-30 हजार से ज्यादा वोट मिलने की संभावना नहीं है ऐसे में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटील का गढ़ माने जानेवाले सूरत शहर में भाजपा को सबसे ज्यादा लीड से जीतने का मौका मिलेगा।
टिप्पणियाँ