चीन के विस्तारवाद से वियतनाम, हांगकांग, भारत, फिलिपीन्स जैसे कई देश परेशान हैं। लेकिन, लेकिन अब कई देश इससे निपटने की तैयारी कर रहे हैं। इसी क्रम में चीन को जबाव देने के लिए दक्षिण पूर्वी एशियाई देश फिलीपीन्स ने दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक भारत सरकार से ब्रम्होस मिसाइलें खरीदी हैं।
भारत सरकार ने फिलीपीन्स को ब्रम्होस मिसाइलों का निर्यात कर दिया है। मात्र 11.46 करोड़ की आबादी वाला फिलीपीन्स आकार में 996 फीसदी छोटा है। इसके लिए वर्ष 2022 में 3131 करोड़ रुपए की डील भारत सरकार के साथ की थी। भारत से ब्रम्होस मिसाइल मिलने के बाद फिलीपीन्स की ताकत कई गुना बढ़ गई है।
चीन के विस्तारवाद से परेशान है फिलीपीन्स
गौरतलब है कि चीन दक्षिण चीन सागर में दादागीरी दिखाता है। दक्षिण चीन सागर को वो अपना बताता है और वह फिलीपीन्स को दक्षिण चीन सागर से पेट्रोल निकालने नहीं देता है। इसके अलावा विस्तारवादी चीन फिलीपीन्स के थिटु द्वीप को अपना बताता है। इसको लेकर दोनों के बीच कई बार सैन्य तनातनी हो चुकी है। चीन के इसी विस्तारवाद से परेशान फिलीपीन्स ने भारत सरकार के साथ वर्ष 2022 में भारत की सबसे खतरनाक मिसाइल ब्रम्होस के लिए डील की थी।
इसी तरह की तनातनी चीन की वियतनाम के साथ भी है। चीन वियतनाम को भी अपना बताता है। वियतनाम ने भी भारत सरकार से ब्रम्होस मिसाइल मांगी है।
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क्या है ब्रम्होस की ताकत
उल्लेखनीय है कि भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम के तहत बनाई गई ब्रम्होस मिसाइल दुनिया की सबसे खतरनाक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मिसाइल बहुत ही कम ऊंचाई पर उड़ती है, जिस कारण से उसे कोई भी रडार ट्रेस नहीं कर पाता है। इसके साथ ही इसे कहीं से भी दागा जा सकता है।
फिलीपीन्स को एंटी शिप और लैंड अटैक ब्रम्होस मिसाइलें चाहिए। भारत सरकार ने फिलीपीन्स के जो मिसाइल दी है वह जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल दी है। 1200 से 3000 किलो वजनी ये मिसाइलें 20 से 28 फीट लंबी है। इसकी सबसे खास बात ये है कि ब्रम्होस मिसाइल 200 से 300 किलोग्राम वजनी परमाणु और पारंपरिक हथियार ले जा सकने में सक्षम है। इस मिसाइल की रेंज 290 से 800 किलोमीटर तक की मार कर सकने की है।
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